Rahul Kumar   (❤Few Lines❤)
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Joined 26 September 2018


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Joined 26 September 2018
AN HOUR AGO

मेरी सेहत पर असर नहीं
मैं काबिल हूँ
बस ख़ुद को पहचानता नहीं।।।
उस खुदा ने दिया है बहुत कुछ
लेकिन मैं दुखों के इलावा कुछ देख पाता नहीं

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10 AUG AT 16:52

शिफारिश करता हूँ मैं वक्त की
क्यूँकि अब इंतज़ार से निभाई नहीं जा रही

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6 AUG AT 22:13

मेरी शायरी मुझसे रूठी है
लिखने लगूँ तो अल्फ़ाज़ों से लड़ती है

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28 JUL AT 8:02

ज़िंदगी के सफ़र में हम मुसाफ़िर बने
मुसाफ़िर ऐसे बने की लोग हमे आज़माने लगे
मंजिल तक पहुंचना ज़िद है मेरी
फिर चाहे इस सफ़र में मुझे ज़माने लगे।।।

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27 JUL AT 16:53

Mai musafir tanha
Khawabon se lipta lekin hakikat me Andha

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26 JUL AT 17:31

इश्क़ वालो से रहा ना जाए
दूरिओं में कुछ कहा ना जाए
इंज़तार के इलावा कुछ कर नहीं सकते
इश्क़ किया है हमने
और हमसे यूँ किस्तों में मरा ना जाए।।।

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26 JUL AT 10:10

मैं जितना खूब लिखू उतना ही कम बिकू
मुझे जानता नहीं ज़माना अबी
मैं वक्त लिखू ज़िन्दगी के संग लिखू

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26 JUL AT 9:29

यह इश्क़ नहीं आसान आप इतना समझ लीजिए,
मुक़दरो से मिलता है पैग़ाम,
फरिस्तें होते है मेहरबान ,
अलम रहता है जुदाई का आप इतना समझ लीजिए।।।

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25 JUL AT 22:42

मैं रात ना देखू
ना दिन मैं देखू
हर सुबह का पहला ख्वाब मैं तेरा देखू
बाते ना भी करू तो कोई ग़म नहीं
मगर चेहरा देखू तो सिर्फ तेरा देखू।।

दूर होकर भी तू पास है
ये तो बस नजरिये की बात है
यूँ तो तरस जाया करता हूँ मैं
लेकिन इंतज़ार का पल बड़ा ख़ास है
क्यूँकि हर पल में तेरा एहसास है ।।।
तेरा एहसास है ।।
तेरा एहसास है ।।।।

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24 JUL AT 23:33

ज़माना मुझ जैसा नहीं
फिर मैं ज़माने जैसा क्यों बनू
मेरी मौत ही मेरी सचाई है
फिर मैं ज़िदंगी को जीने से क्यों डरूँ।।।।

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