Rahul Kumar   (Mr. blueheart)
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Joined 21 June 2025


Joined 21 June 2025
29 JUN AT 18:42

वक्त मुड़ जाए कुछ पल के लिए वहीं तो जीना चाहूंगा।
मैं फिर से उस पल में जाना चाहूंगा।
जो बात आज पता चली है, ओ अगर कल होता।
आग लगा देता हर एक शक्श को, बेशक हलचल पूरे कायनात में होती....पर मै ना खामोश होता।।

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29 JUN AT 10:45

जहां सब परिंदे निकले वहां
हम दिल के समंदर निकले।
उनके चेहरे पर मुस्कुराहट देखी,
जब तकलीफ हमारे अंदर निकले।।
बोलो! राधे - राधे

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26 JUN AT 10:39

तेरी खुशियों के खातिर, रब्ब से ,फरियाद करना है।
भरी महफ़िल में मेरे दोस्त ये इज़हार करना है।
शिकायत जो भी हो मेरे दोस्त तुझे हम दिल में रखते हैं।
जिसे दिल भूलता ही नहीं, उसे क्या याद करना हैं।।
🫂🫂

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25 JUN AT 18:12

किसी को समझा नहीं सकते, खुद को समझाना पड़ता है।
खुद को ही जला करके, खुद को ही तपाना पड़ता है।
बूत में यकीन रखने वाले, जिंदो के मोहताज नही ।
इनसे सच्ची प्रीति दिखाने के लिए , झूठ बनाना पड़ता है।।
ओ करे तो वक़्त नही, हम करे अंहकार लगे।
झूठ के जंजीर में पुरा ये संसार लगे।
कटु वचन लगे सच्चे कि, झूठ से प्रेम अपार लगे।
चिकनी- चुपड़ी बातों से, जोर जोर ठहकार लगे।
एक सच को रखने के लिए, सौ झूठ से लड़ना पड़ता है।।
किसी को समझा नहीं सकते, खुद को समझाना पड़ता है।
तस्वीर देखकर रोने वाले, सामने कदर नही करते।
बात कुछ पल कि होती है, मगर सबर नही करते।
थोड़ा तो लिहाज करो, ये दिखाना क्या चाहतें है ।
जो तुम्हारे है, उन्हे बुलाना नही चाहतें है।
गैरों से प्रेम करके अपनो को भुलाना पड़ता है।
किसी को समझा नहीं सकते, खुद को समझाना पड़ता है।
💜💜💜

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25 JUN AT 14:27

कागज के फूलों से खुशबु, चमन में बहार नहीं आतें।
रौनक आती नहीं महफ़िल में,जबतक यार नहीं आतें।
यूं तो लोग हजारों है, हमारे इस दौर में।
पर जिनके साथ मस्ती थी अब ओ यार नहीं आतें।।

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24 JUN AT 22:39

मैं नहीं मिलता आज कल महफ़िल में, दोस्त कम जो होने लगे हैं।
पसंद आती है तन्हाई, ये सितम जो बढ़ने लगे हैं।
शकुन इस बात का है कि, सब खुश है अपने जिंदगी में।
क्योंकि ख़ुदा ने सबकी दुआ , कबूल जो करने लगे हैं।।
💐💐💐💐💐💐💐
शुभ रात्रि - राधे राधे

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22 JUN AT 17:19

हम शिव के भक्त हैं, राधे राधे जपते हैं।
हम सिर्फ अपनो को नहीं, गैर को भी प्रेम करते हैं।।
बोलो राधे राधे

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21 JUN AT 21:17

ओ मेरे शुरुआत को, आख़िरी समझ बैठे।
लिखा था दिल की बात, ओ सिर्फ शायरी समझ बैठे।।

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21 JUN AT 21:05

मेरे जिंदगी का सफ़र, आसान हो जाए।
बस तेरा एहसान हो जाए।।
न जाने मेरे मुकद्दर में क्या लिखा है,
जिसको सब कुछ माना मैंने, वही अनजान हो जाए।

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21 JUN AT 20:58

सोचा एक सफ़र की शुरुआत नई हो।
जिसमें सब हो....बस तू नहीं हो।।

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