घर छोड़े अब एक अरसा हो गया
घर जाना अब एक सपना हो गया..
अपनो से इस क़दर दूर हुए की
अंजाना शहर ही अपना हो गया..-
क्या झूठी फितरत थी मेरी
या फिकराना अंदाज था ।
क्या जवाब देते हम उनका
जिन्हें सवाल मेरी नियत पर उठना था ।।-
Auditing is not all about
Being Busy is a blessing
But it's like
Being available for future arrivals-
एक वक्त के बाद..
इंसान.. बातों के जज्बातों मे
गुम होने से अच्छा
गुमनाम रहना पसंद कर लेता है-
जिमेदारियों की राह पर अकेला खड़ा हो गया
घर से निकलते ही..
मां देख.. तेरा बेटा एकदम से बड़ा हो गया-
जिम्मेदारियों को निभाने घर से कितना दूर आ गए
मां का आंचल, बाप का साया छोड़ आ गए
मजबूरी तो न थी मगर..
मंजिल की तलाश में मिलो दूर आ गए-
Some deep scars are like
White markers on white board
Exist.. but invisible.-
जीवन।।
ख्वाशिषो की कागज़ पर
किस्मत की लिखावट सा..
जिंदगी की इम्तेहान मे
जिमेदारियों की रहमत सा..-
Teri parwah
Teri pabandiyan nahi..
Ye to ek zikr hai
Ki mujhe Teri fikr hai..-