" न्याय अगर कलम से मिलता तो ,इतिहास तलवारों से नही लिखे जाते " ( fb टिपण्णी)
मेरा उत्तर :
अतीत के इतिहास मे democracy(लोकतंत्र) नाम की विचारधारा नही थी , सिर्फ क्षेत्रवाद और वंशवाद था , इसलिए कलम सिर्फ कवितायेँ और राजाओं का शौर्य बढ़ाने के लिये राजाओं के आदेशो के अनुसार इतिहास रचा गढ़ा जाता रहा हे ,,,
ये पूरे विश्व भर के राजाओं की सिर्फ इतनी सी ख्याती थी , सच कुछ और था , लेकिन आँखे मुन्दनी पढ़ती हे 😊 क्यंकि समय बलवान तो हे ही , लेकिन गतिशील भी उतना ही 😬 बहुत जल्दी तख्ता पलट भी कर देता हे ,,,
और एक दिन वह आता हे जब भारतीय संविधान लागु होता हे , समानता का भाव जाग्रत होता हे ,,,
केसरिया सूरज हस्तिनापुर मे लाल सा जलता रहता हे , चंदा हमेशा की तरह मुस्कुराता हे , शीतलता बिखेर कर रहता हे 😊।
-