मत चाहो किसी को इतना टूटकर,
की वो भुला दे और तुम भुला ना सको।-
मुझे
कोई कोरा कागज़ नहीं मिल रहा,
जहां
मैं मोहब्बत का चित्रांकन कर सकूं।
यहां-वहां
ढेर सारे पन्ने बिखरे है,
जिनमें से लाखों पन्ने
बेवफाई से रंगे है।
मुझे
एक दफा फिर से वफा लिखना है,
किसी कोरे कागज को
अपने किरदार में रंगना है।
मुझे एक दफा फिर से वफा लिखना है।।-
मोहब्बत में वफा होता है।
दो दिल होते है एक,
थोड़ा-मजा, थोड़ा-सजा होता है।
मोहब्बत ऐसा नहीं,
जहां बेवफाई हो और एक बेवफा होता है।-
मिरे जाने बाद जश्न मनाया जाएगा।
बसा एक घर, एक घर जलाया जाएगा।
मुखातिब को मोहब्बत हुआ मुर्शद,
मेरा मोहब्बत दफनाया जाएगा।
दिल-ए-दुश्मन ने दोस्त बताया था,
कहीं तो दोस्ती निभाया जाएगा।
दर्द बता अपना जमाने में,
मिरा दर्द छुपाया जाएगा।— % &उधर दिल-ए-गुलाब खिलेगा,
इधर दिल-ए-पत्थर बताया जाएगा।
गुलाब-ए-रस्ता कांटों से मिलाया,
उसके रस्ते तो गुलाब आएगा।
मिरे जाने बाद जश्न मनाया जाएगा।
“मिरे जाने से क्या होगा?
दिल बिखरा, तू ना ठहरा।
मैं एक पागल, मिरे जाने से क्या होगा??”— % &-
एक ख्वाब हमारा भी राख हुआ।
रात यादें बनी, सुकून यादों के बाद हुआ।
क्या सोचे थे हमारे भी ख्वाब होंगे पूरे?
हमारा ख्वाब किसी और का ख्वाब हुआ।
अब रही नहीं ख्वाब की ख्वाइश हमें,
ख्वाइश-ए-मोहब्बत बे-ख्वाब हुआ।
दिल की बातें अब मुझसे ना पूछो,
दिल का चोर, कहीं और फरार हुआ।— % &क्या कहा अब मुझे मोहब्बत होगी?
बीता वो पल, जो इश्क में बर्बाद हुआ।
अब जीना है बगैर मोहब्बत ‘राघव’,
मोहब्बत-ए-ख्वाब तो अब ख़ाक हुआ।
“कुछ रातें, यादें बन जाती है। पर सुकून...
यादों के बिना ही आती है।”— % &-