अख्या जिवनाची
लावूनी वाट,
शेवटी जावा
लागतेया घाट।
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सरताज वो कायनाते
मुकमिल जहाँ के वास्ते,
कोशिशो के बगैर यहाँ
हासील नहीं वो रास्ते।-
# #जिंदगी # #
जितना चाहे आगे बढो
अपने पीछे ही छुट जाते है !
जितना अमीर बनते जाओ
उतना लूटते ही जाते है !
आसान लगती मौत लेकिन
वो भी तडपाके जाती है !
मुश्किले कितनीभी आसान हो
वक्त के साये मै बिखर जाती है !
मतलबो के सायों मै कभी
कहा जिंदगी बसर होती है
लेकिन जिंदगी मै दुवाओ
बहोत असर होती है !
अपना अक्स ही जिसे
कभी नकारा नहीं जा सकता है !
उम्मीद के सागर को भी कभी
ठुकराया नहीं जा सकता है !
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रचनाकार :-राहुल धनराज गावंडे
8830356737, नागपूर
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# #सखे # #
अचानक भेटीने
सखे गहिवरलो
एकांतवासात ग
खुपच अश्रूशी लढलो ...१
कधी विरक्ती सखे
चांदरातीने फिरलो
आडोसा समर्पनूनी
आठवणीत झुरलो ....२
नवतारुण्य मनाचे
अधीर मजसी केले
सांज ढवळून सखे
मन हे भरून गेले ....३
कधी विरक्ती मनी
स्वप्न साधून घेई
वाहून निर्झर झरासम
नभात त्या मज नेई....४
आसक्त हीं धरणी
मायेची गवसणी घालुनी
ये पुन्हा परत घरटी
गजरा सुगंधित माळूनी....५
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©कवी:-राहुल धनराज गावंडे
8830356737
नागपूर
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कोण दिखता है , बिना सकुन साथ मै
हर किसी के लिए थकान भरी रास्ते
बीत जाता हैं , हर वो लम्हा
जिंदगी रह जाती हैं , बस दो मिनिट के वास्ते
कोई किसी का नहीं ईस जहाँ के लिए
पिते गम भी लोग शराब के रास्ते
कभी उम्मीद जाग जाती जिंदगी के वास्ते
धीरे-धीरे वो भी कम लगती जिंदगी के रास्ते
जिंदगी के दौड मै जीत के रास्ते
करवट बदलता हूँ , नींद के वास्ते
मुकाम फिर भी हासिल नहीं जिंदगी के रास्ते
दो गज की जमीन हैं बस अपने वास्ते
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नात्याला भाव विरहाचा
जीवन असंतुष्ट मनाचा
कितीही सुख असो पदरी
तरी जाणीव यासी उणिवाचा
R.D.gawande
Nagpur-
दोस्त , दोस्ती अजून दुनियादारी
मिळणार कधी ना ही समजदारी
अवघे आयुष्य पणा लावूनी सारी
स्मरणात राहतात मित्र मना भारी-
गाफील ही दुनिया
गाफील तुझे हे प्रेम ...
छत्र उभारले क्षणोक्षणी
जीवनाने रचले नेहमीच गेम ....-