सूर्योदय से पूर्व जागा करते थे,
जो हर कदम जुनून से भागा करते थे,
मात-पिता का गौरव बढ़ाने,जो चले थे फौज की वर्दी अपनाने,
तुम बात तो जोश की किया करते थे ना?प्रत्येक क्षण हिम्मत से
जिया करते थे ना...?
ये कायरता वाला ख्याल केसे आया....?
इतनी आसानी से आत्महत्या को कैसे गले लगाया....? माना तुम निडर थे मौत से डरे नही, पर कुछ जो तुम सोच जाते मौत
को युं न गले लगाते..!
तुम्हें अभी बहुुत कुछ कर दिखाना था...देशका स्वाभिमान बढ़ाना
था,मातृभूमि का ऋण चुकाना था,सरकार को हिलाना था..
तुम्हें मौत को यु चार दीवारी में न गले लगाना था,
बेकसूर परिवार को इस कदर बिलखता न छोड़
जाना था....
तुम्हें अपना फर्ज निभाना था!-
RAHUL GARG
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Joined 16 June 2022
16 JUN 2022 AT 18:16