होश भी तब आया
जब मेरा महबूब मेरा न रहा
ओर तुम पूछते हो जिंदा हो
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मेरे quotes के सभी पात्र काल्पनिक है
अ... read more
तुम कुछ कहती क्यो नही
तुम्हें चुप देख कर मेरा दिल बैठा जा रहा है
मैं तो बैठा हूँ तुम्हारे सामने
फिर तुम्हारे ख्यालो में कौन सता रहा है
अगर मोहब्बत नही है हम से तो कहती क्यो नही
फिर हमें क्यो नजरों के सामने बैठा रखा है |
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हमनें पन्नों से बे-रूखी क्या की
कलम अब इश्क़ लिखनी लगी
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मोहब्बत नही आती तुम्हे
कह कर सुकून से सौ गई वो
और हम
कम्बख्त पूरी रात मोहब्बत लिखतें रहे !
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खड़े हो नफ़रत के बाजार में
तुम यहाँ सुकून ढूढ़ते हो
ओर छीन कर चैन अपनो का
गैरो के लिए सुकून का घर ढूढ़ते हो !!
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मेने इश्क़ में इनायत मांगी है
मेरा इश्क़ मुक्कमल कैसे होता
मेरी रब से फरियाद भी अधूरी थी
तो पूरा इश्क़ मुकम्मल कैसे होता
मेरा प्यार भी इक-तरफा था
तो यार, अजीज कैसे होता
ओर आइने को कह दु बे-वज़ह बे-वफ़ा में
तो बे-वफ़ा चेहरा भी मेरा होता !
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मोहब्बत नही आती तुम्हे
कह कर सुकून से सौ गई वो
ओर हम
कम्बख्त पूरी रात मोहब्बत लिखतें रहे !
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इश्क़ इक-तरफा था
मैं जमाने को बे-वफ़ा कैसे कह दू
जो अपना था ही नहीं, उसे अपना कैसे कह दू मैं
ओर चेहरा देखूं अगर आईने में
खुद के चेहरे को बे-वफ़ा कैसे कह दू मैं
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गुजरी हुई बातें
ओर गुज़रे हुए पल
कमबख्त याद आ ही जाते
कितना ही समेटे लो यादों को
याद आने पर आँखों से आँसू आ ही जाते है !
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आँखों से पूछो
दिल का हाल क्या है
चेहरों से पूछो
छिपे राज क्या है !
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