हिमालयी नदियो सी यौवनावस्था मे हो तुम, दक्षिणी नदियो की भाँती बूढा हो चूका मै।। जल से लबालब,वर्ष वाहिनी प्रकृति तुम्हारी है,
तो मौसमी हद मे सिमित हूँ मै।।
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कि इस रूह पे कब्जा किसी आशना का है,
ताउम्र तुझसे सा... read more
आज फिर मैने अपनी नींद को कुर्बान कर दिया,
ईक और रात तेरे नाम कर दिया..
सलामत होगी तू यहि सोच के,
दिल ने अपनी बेचैनी को आराम दे दिया...-
इश्क का नशा भी इक रोज उतरेगा गालिब,
कि बेवफाई का आलम चारो ओर है..-
मालिक तेरी दुनिया मे ,
हो रहा बस अत्याचार है..
नारी पे है जुल्म बहुत,
हो रहा र्दुव्यवहार है..
कब तक रहोगे मौन प्रभु,
क्या मिलता नही समाचार है..
मग्न क्यों हो तुम खुद मे,
ये तुम्हारा ही संसार है...-
उठ रहा है धुआं दिल के किसी कोने से
कि अब सब्र का समा टूटने को है..।-
कुछ पाने की है चाह नही,
खुद की अब तलाश है..
जिस्म की है भूख नही,
ये रूह की प्यास है..।।-
बदल जाते हैं लोग अक्सर आपको बदल कर..
मंजिल की बात ही क्या,
रास्ते भी बदल जाते हैं कुछ दूर साथ चल कर...-
लिखने जैसी कोई बात नही,
पहले जैसे हालात नही...
दिन है ये कोई रात नही,
दिल मे भी हैं जज्बात नहीं..
बारिश है पर बरसात नही,
अब मै खुद के ही साथ नही..-
अंधेरा है दिल में उजाले की खोज है,
खुद से खुद की लड़ाई जारी हर रोज है...-
कभी गाँजा,कभी दारू तो कभी बन्द कमरे मे जुआ..
गहरी होती गई दोस्ती,उड़ता रहा धुआँ...-