फर्क नहीं पड़ता
तू क्या सोचती है....
मै तो तेरे अलावा किसी को
देखता भी नहीं हूँ।
रास्ते गलत चुन ले...
ये दिल इतना तो गुस्ताख नहीं
पर बहका जो तेरी ओर
मैं इसे रोकता भी नहीं हूँ।— % &-
खुद से भी ज़्यादा उसका
खयाल रखते हैं,
एकतरफा आशिक ये हुनर भी
कमाल रखते हैं।
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एक समय था जब गोपियां कृष्ण की दीवानी हो जाती थीं।
और आज कल की लड़कियां पानी-पानी में परेशान हैं।-
अपने ही शहर में कई शायर देखे हैं मैंने..
ये दिल टूटने का सिलसिला अभी तक तो रुका नहीं... 💔-
हम मात खाते रहे खुद की ही कोशिशों मे बेवजह. 💔
एक बार जो टूटा तो खुद से भी...
लग नहीं पाया ये दिल...-
ग़र थाम लिया था हाथ, तो यूं सताया नहीं करते।
जिसे जगह दिल में दी हो, उसे भुलाया नहीं करते,
और.....
छोड़ भी दो ये बेवफ़ाई का हुनर
यूं... फूलों पर बैठी तितलियाँ उड़ाया नहीं करते.... ❣️-
तेरे जाने के बाद हमने, एक नया जहां बसा लिया है
घर-बार बेच दिया है और एक कब्रिस्तान बना लिया है
कुछ कब्रों में तो दफन कर दी हैं यादें तुम्हारी
और एक कब्र पर अपना भी नाम लिखवा दिया है।
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बनाकर.....एक चेहरा रेत पर
हमने उस रात चाँद को चिढ़ाया था,
वो कोई और नहीं, मेरी माँ ही थी
जिसका चेहरा हमने रेत पर बनाया था-
चल ना एक बार फिर से मुस्कराते हैं
एक-दूसरे को दिल की बातें बताते हैं,
ये इश्क़-मोहब्बत को दूर ही रख कर
आओ न एक सच्चे दोस्त बन जाते हैं।-
ये दिल, जो कल तक आशियाना था आपका 💝,
आपने तो यहाँ मजारें ही बना दी।
और.........
कमाल के कारीगर निकले आप जनाब.....
दिल में दरारें भी छोड़ दीं
और दीवारें भी बना दीं 💔
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