तू अपना ख्याल रखना।
तू अपना खयाल रखना
वो जो शैतानी सी हसी है
उसे हमेशा बरकरार रखना
एक कीमती सी दौलत है मेरी तेरे पास
हो सके तो उसे खुद में सदा आबाद रखना
एक गुरूर है मुझमें तेरी डायरी के पन्नो पे रहने का
हो सके तो उसे हमेशा अपने पास रखना
ग़ैर हो जाएंगे कल से सब रिश्ते
कुछ नए भी जुड़ने आ जाएंगे
हो सके तो इन नए पुराने रिश्तों में
एक bhytad को साथ रखना
कोई गलती हुई हो तो भूल जाना
किसी शिकवा शिकायत को माफ करना
भूल जाना भले ही मेरा नाम भी
बस हो सके तो उस चांद को याद रखना
दुआ करूंगा तुझे कभी जरूरत ना पड़े
लेकिन फिर भी कभी जो कभी तुझे तन्हा लगे
तेरी एक आवाज पे दौड़ आएगा कोई
ये बात तू हमेशा याद रखना
फिर मिलूंगा तुझे किस्मतो की लकीरों के पार
किसी नए रंग रूप चेहरे के साथ
हो सके तो तबतक मेरे bhoot का ध्यान रखना
सुन तू अपना ख्याल रखना।-
वो जुल्फों में बांध कर
चांदनी सी रात लिए फिरती है।
दो होठों के बीच दबा कर
वो कोयल सी बात लिए फिरती है।
सुकून मिल जाता था जिसके पास भर बैठने से
वो उस झील को आंखों में लिए फिरती है।
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अप्सराएं आएंगी जन्नत से उसे सजाने के लिए
तारे उसकी चुन्नी से आकर लिपट जायेंगे।
तैयार होगी वो लाल सा चूड़ा पहन कर
फरिश्ते भी फिर नजर उतारने आयेंगे।
हो जाएगी किसी और की वो भले ही इस जनम के लिए
मैं और चांद बस खड़े देखते रह जाएंगे।-
जिस वक्त जरूरत थी सबसे ज्यादा किसी की
वो वक्त भी मैने अकेले निकाला हैं।
हर रोज खुद को खींच खींच कर
उन मरने वाले ख्यालों से बाहर निकाला हैं।
क्यों बांटू मैं किसी से ये दर्द अपने
मैने सीने से लगाकर इन्हें बच्चों की तरह पाला है।
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छोड़ गए वो परिंदे भी मुझे
शायद वो किस्मतो का लिखा जानते थे।
सड गया पूरा जंगल बस उन पेड़ों को छोड़ कर
जो मेरी कहानी में तेरा हिस्सा जानते थे।
नोच खा गए बाज मुझे बस आंखे छोड़ दी
शायद वो भी मेरे इंतेज़ार का किस्सा जानते थे।
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छप रहे होंगे इश्तहार
लोगों को बुलाया जा रहा होगा।
कब कहा किस पते पर आना है
सबको बताया जा रहा होगा।
एक घर पीछे छोड़ देगी वो
दूसरे को उसके स्वागत में सजाया जा रहा होगा।
सब रह जाएंगे पीछे
बस एक चांद उसके साथ जा रहा होगा।
जिसे देखने तक को तरस जाते है फरिश्ते भी
उसे पा लेगा उमर भर के लिए
हाय वो शक्श कितना ही नसीब वाला रहा होगा।
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वो बचपन वाला घर
जहां उसने कदम बा कदम चलना सीखा होगा।
वो मां की हाथखेलियां
जिसे देख कर उसने हंसना सीखा होगा।
छोड़ जाएगी सबकुछ वो पीछे
ना जाने इतना सब्र उसने कहा से सीखा होगा।-
दो झुमके कुछ किताबें संभाल रखी है।
जहन के किसी कोने में तेरी बातें संभाल रखी है।
कोई गरीब संभाल कर रखता हो किसी कीमती सी चीज को
दिल ने कुछ यूं तेरी यादें संभाल रखी हैं।
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देख कर अप्सरा सी खूबसूरती
कुछ फरिश्तों का बुरा हाल हो गया।
तुझे जमीं पे भेजने पर
खुदा पर खड़ा सवाल हो गया।
ज्यादा कुछ नहीं उसने बस साड़ी पहन ली
बस इतनी सी बात पे जन्नत में बवाल हो गया।
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ढूंढते रहे कुछ डॉक्टर रात भर
ना कोई दर्द मिला ना कोई ज़ख्म मिला।
जब देखा गया मुझे चीर कर
अंदर से बस एक मरा हुआ शख़्स मिला।
मैं बच सकता था, मुझे बचाया जा सकता था
एक मासूम सा चेहरा एक शैतानी सी हसी
हाय कितना आसान था इलाज मेरा।
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