मिलोगे जब कभी.....!
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मिलोगे जब कभी मुझ से ,बनेगी फिर ग़ज़ल कोई
शरारों की तरह दहकी ,रहेगी फिर ग़ज़ल कोई
खिली हों बालियाँ भँवरे करें मधुमास की बातें
मुहब्बत में कहीं बहकी ,रहेगी फिर ग़ज़ल कोई
पलाशी ख्याल मीठे से,बुनेगा गुल मुहर कोई
कली कचनार सी चटकी ,रहेगी फिर ग़ज़ल कोई
बहारों की तरह आओ, लगे खुश हाल सा मौसम,
गुलाबों की तरह महकी ,लगेगी फिर ग़ज़ल कोई
हवायें पायलें पहने , करें छनछन दिशाओं में
फलक पर रोशनी बनके , सजेगी फिर ग़ज़ल कोई
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रागिनी स्वर्णकार(शर्मा )
इंदौर- रागिनी
21 MAR 2019 AT 18:05