ragini sharma   (रागिनी)
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Joined 12 March 2018


Joined 12 March 2018
28 APR 2022 AT 8:08

🌹🙏🏻
*भोर उतर कर आ गई,*
*लगा किरण के पंख।*
*नदी किनारे ढूँढ़ती ,*
*घोंघा,सीपी ,शंख।।*
02
*सुरभित आँचल ले हवा,*
*गई नदी के पास।*
*लहर- लहर पर लिख रही,*
*श्वांसों के अनुप्रास।।*

✍️ *रागिनी शर्मा*
*इन्दौर*

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18 APR 2022 AT 19:16

*नवगीत*
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अलकों के साये में आओ,
परिवर्तित हो तपन छाँव में।।
पुलकित पलकों के सपने तुम,
तुम ही नयनों की मधुराई।
चूड़ी का है मधुर निमंत्रण,
नथुनी देख तुम्हें इतराई।।
क्या समझें 'वो'प्यार की भाषा
जिसके छाले नहीं पाँव में।
कैसे चलते पगडंडी पर,
कैसा काँटा ,चुभन है कैसी।
क्या होता है इंतजार में,
धड़कन की तड़पन भी कैसी।।
त्याग समर्पण वे क्या समझे,
उलझें हैं जो शकुनि-दाँव में।।
बहुत हुआ अब नहीं सहूँगी,
शहरों का ये एकाकीपन।
यहाँ न कोई आज किसी का
हाथी दाँतों के से दर्पण।।
परे चलो चालाक शहर से ,
अब भी सच्ची प्रीत गाँव में।।


रागिनी शर्मा,इन्दौर

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10 APR 2022 AT 10:07

*कष्ट सहके मुस्कुराये जो निरंतर, राम है*
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जागृति का है परम, संघर्ष भी अविराम है।
कष्ट सहके मुस्कुराये जो निरंतर, राम है।
राष्ट्र का एकात्म शबरी औ निषादों का नगर
राज्यसत्ता का नया सा लिख दिया आयाम है।
सूर्य कुल की धारणा को, धर्म को संचैत्य कर
वनगमन में भी अनंदित राम तो बस राम है।
राम सी मति हो गयी तो, मुक्ति क्या और मौक्ष क्या
वन बने जब सुखसदन तो क्या नहीं अभिराम है
कष्ट तो सहते रहे पर, सत्य को जीवित रखा
आज भी आदर्श अपने,नाम सुख का धाम है

रागिनी शर्मा
इंदौर

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30 JAN 2022 AT 11:34

मुक्तक

वेदना जन-जन के मन से लुप्त हो जाये।
हर हृदय खिलकर,सुगन्धित पुष्प हो जाये।
छन्द से बंधन प्रणय के,गति मिले यति को,
रागिनी की गूंज से जग तृप्त हो जाये।

रागिनी शर्मा,इन्दौर

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27 JAN 2022 AT 20:25

शब्द जो भी बाँच दूँ वह, गीत हो जाये ।
काश उनको यूँ अदब से प्रीत हो जाये।
रागिनी बन थाह लूँ लय ,ताल छंदों की,
यूँ प्रणय के आचमन की रीत हो जाये।।

रागिनी शर्मा,इन्दौर

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7 JAN 2022 AT 20:17

पलाशी ख्याल
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मेरे..!!
कजरारे नेत्रों में
दहकते से
तुम्हारे पलाशी ख्याल,
रतनार कर देते मन..!
नेत्र -निमीलन से ,
झरे जब ख्याल ,अम्बर पर ...
सूरज भी
हो गया पलाशी ....!!!!

रागिनी शर्मा,इन्दौर

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1 JAN 2022 AT 11:01

2022
हार्दिक बधाई!!!

शुभ संकल्पों का विस्तार हो।
मन का हर सपना साकार हो।
महके घर का कोना -कोना
स्वस्थ,सुखी सदा परिवार हो ।।


रागिनी शर्मा

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14 DEC 2021 AT 7:07

मुक्तक*
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नई खुशियां नई आशा,नवल संकल्प हो मन में ।
मिले जो कष्ट जीवन में,नहीं दुख अल्प हो मन में ।
नये उद्देश्य जीवन के,नई सी हों उमंगे भी,
परिश्रम की सदा पूजा, न दूजा विकल्प हो मन में ।
✍🏻

रागिनी स्वर्णकार(शर्मा)

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5 NOV 2021 AT 12:16

🙏🏻दीपावली की शुभकामनाएं!!!!👍
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"करो न कैद, महलों में मुझे ,
झोपड़ी तक, बिखर जाने दो।
मैं तो किरण हूँ, दीप की ,
घाव अँधेरों के ,सहलाने दो।।"
✍️
रागिनी शर्मा,इन्दौर

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3 NOV 2021 AT 17:52

*मुक्तक*

कभी शृंगार दीवाली ,कभी मनुहार दीवाली ।
सुभग ,शुभ पर्व दीवाली,पुलक उपहार दीवाली ।
प्रतीक्षित प्यार है कोई ,कहे यह दीप राहों से,
अमा की हार दीवाली, किरण त्यौहार दीवाली ।।

रागिनी शर्मा ,इन्दौर

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