तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए।अनहोनी होनी नहीं, होनी हो सो होए।।◆रामचरितमानस◆ - राघव
तुलसी भरोसे राम के, निर्भय हो के सोए।अनहोनी होनी नहीं, होनी हो सो होए।।◆रामचरितमानस◆
- राघव