अगली नस्लें पूछेंगी
जब ये हुआ तो तुम क्यों खामोश थे??-
Raghvendra Singh Tomar
(राघव)
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जितना ज्यादा सरल रहे हैं हम, जग को उतने कठिन लगे हैं हम।
Joined 30 August 2018
17 APR 2020 AT 1:31
इतना भी बेहतर न खोजना मेरे दोस्त,
की
बेहतरीन को भी खो दो।-
17 APR 2020 AT 1:21
कुदरत का कहर भी जरूरी है जनाब,
हर कोई खुद को खुदा समझने लगा था।-
17 APR 2020 AT 1:17
किताबों के दौर से बाहर आ गए हैं हम,
जनाब
अब हमें जिंदगी पढ़ाती है।-
17 APR 2020 AT 1:07
कभी कभी लगता है भावनाओं का मर जाना बेहतर ही है,
साला किसी भी बात का दुःख थोड़ा कम महसूस होता है।
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1 APR 2020 AT 10:55
कितना खेलते झूमते थे,
खेत खलियानों में,
जिंदगी कैद हो गई अब,
शहर के फ्लैट और मकानों में।।-
3 SEP 2019 AT 6:50
राम कीन्ह चाहहिं सोइ होई।
करै अन्यथा अस नहिं कोई॥
◆रामचरितमानस◆
[बालकाण्ड दोहा १२७ चौपाई १]
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