Raghvendra Maurya   (My thoughts ✍️✍️)
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Joined 23 February 2020


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Joined 23 February 2020
13 OCT 2023 AT 18:53

सुना है उसके शहर का यूं अंजाम हो गया,
जिसने चाहा था उसको वही बदनाम हो गया !
और दिल लगाने की गुस्ताखी तो उसने भी कि थी,,
यूं इस तरह सरे आम उसका नाम बदनाम क्यूं हो गया !!
My thoughts ✍️✍️

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28 FEB 2023 AT 10:19

इंकार कर दिया उसने मुझे दिल में रखने से,
उसका इल्ज़ाम था कि तुम्हारी सिर्फ शायरी अच्छी है तुम नहीं !!

My thoughts ✍️✍️

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12 JUL 2022 AT 1:20

Raghvendra Maurya

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5 JUN 2022 AT 17:28

Bhale hi Surat se nadan thi wo
per sadgi bemisaal thi uski

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5 APR 2022 AT 14:46

निगाहों की बेरुखी कुछ इस कदर निखरी की हाल सुनाते सुनाते आँखों में नमी आ गई !!
ख्वाब से अधूरा था वो शख्स इस तरह कि दर्द को सहते सहते उसके दर्द में ही कमी आ गई!!
My thoughts ✍️✍️

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31 DEC 2021 AT 20:37

मंजिलें आसान सारे मुश्किलें वे नूर हो !
दिल की जो हो तम्मना वो हमेशा दूर हो !!
लब पे लब की बात हो, खुशियों में सिमटी जिन्दगी !
गम भरी परछाईयां आँचल से लाखों दूर हो !!
Happy new year
Gum @@HTEIN

Raghvendra Maurya

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12 DEC 2021 AT 10:15

अपनी कहानी को नया मोड़ दे रहे हैं,
अब हम तुम पर लिखना छोड़ रहे हैं।।
Bye bye 2021
Have a great ending....

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2 DEC 2021 AT 11:46

फूंक मार और बुझा दे मुझे
तेरे इश्क में जलता हुआ चिराग हूं मैं।

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25 NOV 2021 AT 7:53

Zindagi ke safar mein ek safar aisa bhi hota hai jisme hum sab aate hain so please keep it in your mind....

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7 NOV 2021 AT 11:08

शाम होते ही चिरागों को बुझा देता हूँ;
ये दिल ही काफी है तेरी याद में जलने के लिए।

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