जिंदगी के साथी, जैसे दीये में बाती,
हैं संग सदा वो जैसे जन्मों की थाती।
अधिकारपूर्वक निभाते वो रिस्ते को,
कह देते सच, न करते ठकुर सुहाती।
दो पहिये बन ढोते वो एक दूजे को,
बढ़ते जाते आगे न गिरने देते गाड़ी।
सींच प्रेम से रखते हरी भरी जीवन
की बगिया जिसमें खुशियां हैं गातीं।
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