Raghuvirsinh Gohil   (રઘુભા ગોવિંદાણી)
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Joined 29 September 2019


Joined 29 September 2019
14 JAN 2022 AT 20:20

We can clearlly see self one,
each other in it...

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14 JAN 2022 AT 17:34

વાત ઉડવાની હતી...
કાપવાની વાત કોણ લાવ્યું ?

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14 JAN 2022 AT 16:36

मैं गर 'मैं' ही बन जाऊं तो बहुत कुछ है ,

मेरा 'मैं' बनना ही मेरी सबसे बड़ी पहचान है ।

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14 JAN 2022 AT 15:57

શીખ્યો પતંગ કને એજ...

ઉડો... ઉંચેરુ ભલે ઘણું,

એક ઘડી તો ધરતી ચૂમવી જ રહી....

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14 JAN 2022 AT 12:54

દયા અને કરુણા આ બે સદગુણો

મનુષ્ય ને મૃત્યુ ને પેલે પાર,

પણ ઉપયોગી થાય છે...

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13 JAN 2022 AT 16:14

हे क्षत्रिय,

तुं जिस मार्ग की बातें कर रहाँ है,

वो ठीक तेरे पैर के निचे है,

और बराबर तेरी नजरों के सामने है,

तुं बस चलना प्रारंभ कर दे,

मा भगवती तेरा शुभ मार्ग प्रशस्त करें ।

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13 JAN 2022 AT 15:58

हे क्षत्रिय,

क्या क्या हो सकता था ?

इसके बारें में कभी भी मत सोच ,

क्या क्या हो सकता है ? इसके बारें में जरुर सोच,

इसी सोच में तेरा स्वर्ण भविष्य छुपा हुआ है ।

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13 JAN 2022 AT 0:10

તુરિય અવસ્થા :

Read in caption...

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11 JAN 2022 AT 21:33

થોડાં ભ્રમ ને મેં સાચવીને રાખ્યાં છે,

એકલાં 'સત્ય' થી તો જીવવું કેમ ?

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11 JAN 2022 AT 14:35

લગ્ન....

Read in caption...

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