raghav vats   (Raghav Vats)
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OfficialRaghavvats/Instagram.com
Raghavvats/youtube.com
Joined 30 April 2020


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6 MAY AT 16:34

I like it when people remember me only in their bad times,
it shows that when their world is full of darkness and there is no ray of hope in sight,
they only remember me,,

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11 MAR AT 15:05

मैं निर्दयी इतना की कोई मेरे सामने
तड़प कर मर जाये तो मुझे परवाह नहीं
और मैं दयालु इतना की मुझसे एक
चींटी भी मर जाए तो मैं शोक से भर जाऊं

मैं पापी इतना की मेरे कुकर्मों से
पाप भी कंपकपा जाए
और मैं पुण्यात्मा ऐसा की पुण्य भी
मुझसे दीक्षा लेने आए

मैं अधर्मी कुछ ऐसा की सब का
तिरस्कार करने में मुझे कोई गुरेज नहीं
और मैं धर्मात्मा ऐसा की प्राणों की
आहुति भी दे दूं धर्म की रक्षा हेतु

मैं असुर ऐसा की नर्क को भी
अपनी जूती की नोक पर रखूं
और मैं देवता ऐसा की
स्वर्ग को भी वरदान में दे दूं

मैं एक मनुष्य ऐसा जो
जीवन के उलझनों में और उलझता रहूं
और मैं ही वो मनुष्य ऐसा भी जो
जीवन के हर गहरे राज़ को सुलझा दूं

मैं निर्दयी इतना की कोई मेरे सामने
तड़प कर मर जाये तो मुझे परवाह नहीं
और मैं दयालु इतना की मुझसे
चींटी भी मर जाए तो मैं शोक से भर जाऊं

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8 MAR AT 12:45

मर्द हो तो तुम्हारी मर्दानगी में इतना तो रौब हो
के गुज़रे बगल से कोई औरत तो वो बेख़ौफ़ हो

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24 DEC 2024 AT 16:23

Those who use kindness as a strategy, those who take advantage of someone's innocence, naivety and honesty will meet a very bad fate one day.

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24 DEC 2024 AT 12:45

ये जो चंद रोज़ की कलाकारी सीख कर
अपने बाप को कलाकारी सीखाने वालों, पुत्तर
जिस उम्र में आप अ से अनार पढ़ते थे
उस उम्र में मैं अ से अलंकार पढता था

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28 NOV 2024 AT 12:56


तन मैला मेरा धोए नीर,
मन मैला धोए काशी कबीर,
दर आऊं तेरे तर जाऊं,
इस जग में ना कोई मुझसा अमीर,
ज़र्रा ज़र्रा हर कतरा मेरा,
डमरू की धुन बन मैं नाचूं फ़कीर,

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19 NOV 2024 AT 16:15

प्रेम करूं तो कुछ यूं करूं
की मृत्यु से भी लड़ जाऊ मैं
करूं, यम के नाक में दम करूं
छिन यमलोक से तुम्हे लाऊं मैं

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6 NOV 2024 AT 1:40

अघोरियों का साथ अच्छा लगता है
अब श्मशान में वास अच्छा लगता है
बस शिव का कैलाश अच्छा लगता है
अब एकांत निवास अच्छा लगता है

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7 OCT 2024 AT 15:15

शांत हूं एकांत में, मग्न हूं मैं ध्यान में
शून्य हूं भ्रमाण्ड में, तांडव हूं शमशान में
हूं अंत का प्रारम्भ मैं, आदि मैं अनंत मैं
अज्ञान के अंधकार में हूं ,ज्ञान का प्रकाश मैं


हूं वेद मैं पुराण मैं, हूं शास्त्र का ज्ञान मैं
हूं अग्नि मैं वायु मैं, हूं जल गगन और थल भी मैं
हूं परिचित हर अंजाम से, हूं आज मैं और कल भी मैं
हूं रुद्राक्ष इस व्योम में, हूं सूर्य का ॐ मैं


हुं त्रिनेत्र मैं त्रिकाल हूं अघोर रूप विकराल मैं
हुं सौम्य मैं सरल हूं मैं हुं सत्य मैं सौन्दर्य मैं
काल हूं महाकाल मैं वरदान हुं संघार मैं
हुं विष्णु दशावतार मैं हुं मोक्ष का द्वार मैं


हर निर्जीव में सजीव में, हूं धरा के हर जीव में
शुरूआत हूं और अंत मैं, हूं मृत्यु मैं, और प्राण मैं
भूत हूं भविष्य हूं, त्रिलोक का वर्तमान मैं
हूं देव मैं महादेव मैं, ब्रह्मा विष्णु महेश मैं

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27 AUG 2024 AT 2:59

"Never expect me to abandon you like Krishna had to abandon Radha, rather I will burn the whole world for your love like Shiva did to get Parvati back,,

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