मैं बसंत में खिला फूल
गरम हवाओ के झोको से सुख रहा हूं
बस एक तेज गरम हवा का झोका आना बाकी है
मेरे टूटकर गिरने में बस कुछ ही वक्त बाकी है-
Raghav Bansal
(राघव बंसल)
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Joined 24 June 2018
28 FEB 2023 AT 18:16
31 DEC 2022 AT 22:34
अगर किसी को कुछ किसी को कुछ बात कह गए।
किसी जगह तुम्हारा साथ छोड़ हम अकेले रह गए ।।
हो सके तो पुरानी गलतियों को दर किनार कर देना ।
हर बार की तरह एक बार और साथ देना ।।
इस बार कोशिश रहेगी गलतियां फिर नही धोराऊंगा।
फिर कोशिश होगी नए साल पर अच्छा दोस्त वन कर दिखाऊंगा।।
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11 SEP 2021 AT 23:14
बदले हमने हवा के रुख को देखा है
यारी को धूल और रिश्तों को ख़ाक में मिलते देखा है!
ग़म यह नही की हम वो पुराने रिश्ते भूल गए,
कहते वी बहुत कुछ थे, लेकिन आज वो खुद ही खुद पर चूक गए!-
17 JAN 2021 AT 0:25
उम्र ज्यादा नही रिश्ते बना बैठता हूँ,
नादानी में क्यों लोगो को तवज्जो दे बैठता हूँ!-