जुबां से जो ना हो पाए बयां, वो जज़्बात लिख दो।
सदियों से है दफ़न सीने में जो दर्द,वो आज लिख दो।
इक अक्स में छुपे कई शख्स के राज लिख दो ।
सदा दर्द को दिल में दफन करना यूं अच्छी बात नहीं अब तो दिल की बात लिख दो।-
मां-बाप के आशीर्वाद ने हमको संभलना सिखाया है,
हर बुरे हालातों से हमें लड़ना सिखाया है।-
मां की ममता❤️ और भगवान की आस्था🪔 में फर्क जानते हैं लोग बस इतना ही काफी है.....✍️
कुछ मांगता हैं इंसान गर खुदा से तो फूल माला चढ़ाता हैं।
जब आती है बारी मां की तो बिन कहे ही सब मिल जाता है।।-
पापा के रहने पर सारे रिश्ते अपने लगते थे,
पापा के रहने पर सारे रिश्ते सच्चे लगते थे,
क्योंकि रिश्तों को परखने का कभी मौका नहीं देते थे
वो हर बुरे समय में हमारे साथ होते थे।।
कुछ लोग अपने होकर भी
अपनेपन का एहसास नहीं दिला पाए,
कुछ लोग पराए होकर भी अपनों का फर्ज निभा गए।
एक साल का सफर बहुत कुछ सिखा गया,
अपनों और परायों में अंतर बता गया।
नासमझ लोगों को कौन समझाए,
ये दुःख का पल कभी उस पर भी बीतेगा।
एक दिन हर कोई अपनों को खोएगा,
दुःख क्या होता है उस दिन एहसास होगा।।
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*एहसास*
पिता की कमी का एहसास करीब से देखा है मैंने,
हर पल खुद को बिखरते देखा है मैंने,
आसुओं को छुपाना सीखा है मैंने,
फरेबी दुनिया के सामने झूठा मुस्कुराना सीखा है मैंने।
मां के सपनों को टूटते देखा है मैंने
बुरे हालातों से लड़ना सीखा है मैंने,
अपनेपन का ढोंग करने वालों के चेहरे से
नकाब उतरते देखा है मैंने
पिता की कमी का एहसास करीब से देखा है मैंने।।
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हमेशा के लिए खत्म हो जाए नफरत का जहर,
गली-गली में दौड़ उठे खुशियों की लहर,
एक-दूजे में दिखे अपनेपन का असर,
जहां सबका आनंदमयी हो जीवन का सफर
ऐसा है मेरे सपनों का नगर।-
कभी-कभी जिन्दगी में ऐसा भी होता है।
सांसें चलती रहती हैं,पर वक्त ठहरा सा होता है।।-
मनुष्य ना टूटता है,
ना बिखरता है,
बस थक जाता है,
कभी स्वयं से,
कभी भाग्य से,
तो कभी अपनों से..✍️-
दुनिया आपके साथ हो या न हो,
आप अपने साथ हमेशा खड़े रहें।।
- Shivani Patel-
*गंगा का किनारा *
खिलौने साथ बचपन तक, जवानी बस रवानी तक।
सभी अनुभव भरे किस्से बुढ़ापे की कहानी तक।।
जमाने में सहारे हैं सभी बस ज़िन्दगी भर के,
मगर ये ज़िन्दगी के आखिरी पल का सहारा है,
ये गंगा का किनारा है.....।।
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