इच्छाओं के घोड़े दौड़ाना भी एक रवानी है
हर सुबह की अपनी कहानी है
सूर्य का प्रकाश जब बढ़ता है
रात की स्थिरता छोड़ शरीर काम पर लगता है
चमचमाती मिनारो की ऊंचाइयों को छू पाओगे
स्वयं पर विश्वास रखो
तुम अपना आकाश बना पाओगे
अभिलाषाओं की कठपुतलियां चलने दो
अंतर्मन में ताने-बाने बुनने दो
मृदुल पवन के झोंके तुम्हारे भी हिस्से आएंगे
ज्योति अन्तम् में जला लो
तुम्हें पद चिन्ह स्वयं मिल जाएंगे
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