Rachna Kaushik  
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Joined 3 March 2019


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Joined 3 March 2019
3 JUN 2023 AT 9:49

क्यूं ए खुदा...
वो इतना ज़रूरी सा लगने लगा है...
जब कोई कुछ नहीं लगता था मेरा...
क्यूं वो मेरा सब कुछ सा लगने लगा है...
ना वास्ता-ए-दोस्ती...
ना कसम-ए-महोब्बत...
तो क्यूं वो मेरा जहां सा लगने लग लगा है...
जहां सा लगने लगा है...

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17 MAY 2023 AT 3:34

मुझे तेरा साथ चाहिए...
कुछ पल का नहीं...
सदा के लिए चाहिए...
सूरज की किरणों से पहले...
तुम्हारा स्पर्श हो...
ऐसी सुबह चाहिए...
सुनहरे सपनो की तालाश नहीं....
तुम्हें आंखों में समा कर सो जाऊ...
ऐसी नींद चाहिए...
चांद पूर्णिमा का हो...
या हो चाहे अमावस्या का...
तेरा ही एहसास चाहिए...
ख्वाहिशें बड़ी नहीं मेरी...
दिल में तेरा घर चाहिए...
आज हो या कल...
बस तू चाहिए...
तू चाहिए...

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16 MAY 2023 AT 20:54

वो देख कर भी...
अनदेखा करता है...
वो जान कर भी...
अनजाना बनता है...
ना जाने...
क्या चलता है उसके दिल में...
वो मुझसे दूर जाकर भी...
मेरी खबर रखता है...

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15 MAY 2023 AT 6:27

ज़ख्म गहरे थे...
मरहम कोई नहीं...
ज़िंदगी के सफर में...
हम-दम कोई नहीं...

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27 MAR 2023 AT 14:45

उसे ख़्याल तक नहीं...
एक हसीं बात थी...
वो भूल गया है शायद...
मुझे याद थी...
दो घड़ी ही सही...
मानो पूरी कायनात थी...
आज ही के दिन...
अजी...आज ही के दिन...
हमारी पहली मुलाकात थी...

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26 MAR 2023 AT 17:28

मैं नाम नहीं लूंगी तुम्हारा...
तुम मेरी आंखों में...
अपनी तस्वीर देख लेना...

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21 MAR 2023 AT 20:31

आज एक ख्वाब आया...
उनको हमने अपने करीब पाया...
ज़्यादा पुरानी नहीं...
कल की ही वह बात थी...
आंखों में पानी...
वह कल की ही रात थी...
एक कोने से छिपकर देखा तुम्हें...
वह तुम्हारी ही बारात थी...
इस लुक्का-चुप्पी के खेल में...
यही आखरी मुलाकात थी...
यही आखरी मुलाकात थी...
ज़्यादा पुरानी नहीं...
कल की ही वह बात थी...

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17 MAR 2023 AT 18:28

तुम किसी और की
लकीरों में लिखे जाओगे...
हमारे पास सिर्फ
यह निशां रह जाएंगे...
तुम बनाओगे नए लम्हें
नए यार के संग...
हमारे पास सिर्फ
तुम्हारी यादों के मकां रह जाएंगे...

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16 MAR 2023 AT 22:32

इतनी उलझनों में ना रहा करो...
दिल अपने की भी सुना करो...

भरोसा करके किसी गैर पर...
खुदको यूं ना नजरंदाज करो...

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15 MAR 2023 AT 19:21

बारिश की इन बूंदों को....
महेज़ पानी ना समझ लेना....

दिल के भाव हैं....
मेरा पैगाम समझ लेना...

डर कर छुप ना जाना....
किसी छाया तले....

दो पल इन आंसुओं में तुम....
खुद को भी भीगा लेना....

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