वो बिन कहे मेरे लफ्ज़ो को समझ लेता है
उसका ये इश्क़ मुझे सुकूं देता है।-
यू बातों मे न उलझाया करो,
तुम्हारे इश्क़ को
तुम्हारी आखों में
अक्सर पढ़ लिया करते है हम।
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अपना सब कुछ हार दिया है, मैंने उस पर।
उसे जीतने के अलावा
मेरे पास कुछ बाकी नहीं अब।
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ये एक रात ,
बताने में काफी हो गई है।
मेरी हर रात अब उसके बिना अधूरी हो गई है ।-
मेरी मोहब्बत को बस इतना मुकाम़ मिल जाए
मेरी हाथों की लकीरों में बस उसका नाम लिख जाए।
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मोहब्बत हो तो ऐसी हो जो जिंदगी भर ही नहीं
कई जन्मों तक साथ निभा जाए।
वरना आने जाने वाले तो हजारों है।
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जो तुम्हारा है वह तुम्हारा ही रहेगा और जो नहीं वह तुम्हारे पास आकर भी चला जाएगा बस तुम्हारा वही है जो तुम्हारे साथ हर मुश्किल में खड़ा हो आज कुछ कल कुछ और परसों कुछ और जो हर दिन एक जैसा वही तुम्हारा अपना है ।
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उनसे मिलने की ख्वाहिश आज खुदा से ज़ाहिर की,
ओर खुदा ने हमें उनकी हाथों की
लकीरों में बख्श दिया।-
मेरी नादानियों को दिल से ना लगाना
मेरी जैसी चाहत का समंदर कहीं और ना मिलेगा।
साया बनके चलूंगी तेरे साथ अगर दूर हुआ तो
इतना करीब कोई ना मिलेगा।-