यदि तुम शिव हो....तो शक्ति मुझे भी होना होगा
यज्ञ वेदि में स्वाह होना यदि नियति है मेरी
तो वियोग का ताप तुम्हें भी सहना होगा
यदि मैं गौरा हो जाऊं तो शंकर तुम्हे भी होना होगा
बरसों बरस का तप स्वीकार है मुझे....
पर साथ युगों युगों तक तुम्हें भी देना होगा
अपने मन की मिट्टी में मेरे प्रेम का बीज बोना होगा,
और मेरे रिक्त हृदय को अपने प्रेम से भरना होगा ।
मेरी हर पराजय, मेरी हर विजय में अपना सानिध्य देना होगा
नीलकंठ बनकर... मेरे संग, मेरे जीवन के हर विष को पीना होगा
मुझमें शेष बचे क्रोध, लोभ, अहं को...
अपने शीश धरे गंगाजल से पावन करना होगा
यदि तुम शिव हो जाओ तो पार्वती मुझे भी होना होगा।
Rachana
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