रावल सिंह बेबाक   (ताकत-ए-कलम)
143 Followers · 176 Following

Writer author
Joined 13 May 2020


Writer author
Joined 13 May 2020

माना कि आप हमसे नाराज है,अब नाराजगी मिटाना चाहते है हम।
कुछ अनसुलझी पहेलियों को,सुलझाना चाहते है हम।
हो गयी थी गलती हमसे,अब गलती सुधारना चाहते हैं हम
माना फासले हमारे अलग हो गए,अब उनको समेटना चाहते हैं हम
जिंदगी अब आगे बढ़ गयी है उसे नया मोड़ देना चाहते हैं हम
रास्ते अब अलग अलग हो गए, बस एक अंतिम गुजारिश करना चाहते हैं हम।
जिंदगी के इस आखिरी मोड़ पर,आपसे केवल एक बार मिलना चाहते हैं हम
अगर मंजूर न हो यह विनती हमारी,तो कोई बात नहीं
बस आपसे मिलने की गुजारिश करना चाहते हैं हम।।


-



गढ़ बिकाणो सुरमो,भरया छप्पन थाल।
जयमल फता री रखवाली,माँ करणी रो जाल।।
कोलायत में कपिल मुनि,सुनावे सत्संग अपार।
बीका थारे बीकाणे में,देखी वीरा री अमर कटार।।
✍️✍️रावल सिंह "बेबाक"

बीकानेर के स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाए
🙏🙏

-



हम तो फ़ना हो ही गये,उसकी एक झलक पर।
पता चला जब उसकी सच्चाई,आंसू आ गए फलक पर।।

-



दर्द भी तुम,दवा भी तुम।
इस दुनिया के झोंको की वो हवा भी तुम।

बाते हुई जब प्यार की,तो उस प्यार का जरिया भी तुम।
बह गए कितने इस जवानी के नूर में,उस नूर का दरिया भी तुम।

दर्द भी तुम,दवा भी तुम
हमारे इश्क के सावन की वो सवां भी तुम।।

-



हल्दी कुमकुम चन्दन का श्रृंगार नहीं होता।
भाईदूज रक्षाबन्धन का त्यौहार नहीं होता।

अरे रह जाते हैं,वे घर आंगन सुने।
जहा बेटियो के अवतार नहीं होते।।

-



पिता

अनगिनत जिम्मेदारियों का भंडार हैं वो
जो प्रदर्शित नहीं किया जा सका,वही प्यार हैं वो

बच्चों में दीखता संस्कार है वो
मजबूत भावों का भंडार हैं वो

जिस माँ से पूरा संसार है
उस माँ का पूरा संसार हैं वो

एक अदृश्य शक्ति है
जिसे न समझा जा सके,ऐसा व्यक्ति है वो

मेहनत,त्याग,पराक्रम का अनूठा संगम हैं वो
कठोर अनुशासन का आश्रम हैं वो

हिम्मत की पक्की गवाही हैं वो
दिल से निकली स्याही हैं वो

संघर्ष से निखरा व्यक्तित्व है
सख्ती मे भी करुणा का आदर्श अस्तित्व हैं

परिवार के कष्टों की चिंता हैं वो
हां हां पिता हैं वो

-



अब कुछ नहीं मैं सुनूंगा
पास मैं तेरे आऊंगा
अपने दिल की बात करूँगा
कुछ तेरे अल्फाज भी मैं जानूँगा

अब और कुछ तुम न करना
आने से मुझे मत तुम रोकना
क्यूकि
अब कोई बहाना नहीं चलेगा।।

रावल सिंह बेबाक

-



जब अंतिम समय में युद्ध रावण राम कर रहे थे
देख सब देव दानव भय से मारे जी रहे थे
बाणों की बाणों पर वर्षा सी हो रही थी
सुन सीता समाचार रण का, एक पल वो भी आकुल हो रही थी

सहसा प्रश्न इंद्र के मन में उठा था
कैसी लीला प्रभु यह कर रहे है
बाण हृदय को कर लक्ष्य क्यों नहीं साध रहे है
निश्चय ही बाण ह्रदय में लगने से,क्रूर पापी का अंत होगा
सारी धरती बोझ तनिक कुछ कम होगा

फिर प्रकटे सहसा ब्रह्मदेव ने,एक गूढ़ रहस्य बताया था
रावण की मृत्यु का वो निश्चित किया समय बताया था
बसती हैं सीता सदा पापी रावण के उर में
सीता के उर में बसते सदा प्रभु श्री राम है
और राम के हृदय में बसता ये संसार तमाम है
यदि संधान हृदय का अब प्रभु करेंगे
साथ रावण के सीता,प्रभु संग ये सृष्टि का अंत हो जायेगा
धरा पर प्राणी का केवल इतिहास बन कर रह जायेगा

बार बार जब बाणों का प्रहार होगा
शीश पर शीश अलग धड़ से होगा
ध्यान जब वो सीता से हटा लेगा
तब प्रभु के हाथों उसका वध होगा

जानता यह बात रावण था
राम स्वयं हरि का अवतार था
अंत समय में उसने नाम प्रभु का ले लिया
उसने भी परमधाम में,स्थान ले लिया

-



जब अंतिम समय में युद्ध रावण राम कर रहे थे।
देख सब देव दानव भय से मारे जी रहे थे।
बाणों की बाणों पर वर्षा सी हो रही थी।
सुन सीता समाचार रण का, एक पल वो भी आकुल हो रही थी।

सहसा प्रश्न इंद्र के मन में उठा था।
कैसी लीला प्रभु यह कर रहे है...
बाण हृदय को कर लक्ष्य क्यों नहीं साध रहे है।
निश्चय ही बाण ह्रदय में लगने से,क्रूर पापी का अंत होगा।
सारी धरती बोझ तनिक कुछ कम होगा।

फिर प्रकटे सहसा ब्रह्मदेव ने,एक गूढ़ रहस्य बताया था।
रावण की मृत्यु का वो निश्चित किया समय बताया था।
बसती हैं सीता सदा पापी रावण के उर में
सीता के उर में बसते सदा प्रभु श्री राम है।
और राम के हृदय में बसता ये संसार तमाम है।
यदि संधान हृदय का अब प्रभु करेंगे।
साथ रावण के सीता,प्रभु संग ये सृष्टि का अंत हो जायेगा
धरा पर प्राणी का केवल इतिहास बन कर रह जायेगा।।

बार बार जब बाणों का प्रहार होगा।
शीश पर शीश अलग धड़ से होगा।
ध्यान जब वो सीता से हटा लेगा।
तब प्रभु के हाथों उसका वध होगा।।

जानता यह बात रावण था
राम स्वयं हरि का अवतार था
अंत समय में उसने नाम प्रभु का ले लिया
उसने भी परमधाम में,स्थान ले लिया
बुराई पर अच्छाई की आज विजय हुई थी
राक्षस विहीन धरा करने की प्रतिज्ञा उनकी सफल हुई थी

रावल सिंह "बेबाक"
🙏🙏

-



।।राखी।।
दो आखर का नाम हैं राखी।
भाइयो की कलाई की पहचान है राखी।
बहन का प्यार हैं घुला जिसमे,वो त्यौहार हैं राखी।
सरहद पर खड़े जवानों की भेंट हैं राखी।
शहीद हुए भाई की याद में दिखता जिसकी आँखों में गौरव हैं,वो बहिन का अनुपम दुलार हैं राखी।
किसी के लिए केवल स्टेटस में बहिन को सजाने का नाम हैं राखी।
तो किसी के लिए बसता सारा संसार जिसमे,वो त्यौहार है राखी।।
बंधन हैं दो शरीर एक जान का
वो पर्व का नाम हैं राखी।।
बहिन की रक्षा का वचन हैं राखी।
सबसे पहले भारत माँ की शान हैं राखी।

आपको रक्षाबंधन के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
आपका
रावल सिंह 'बेबाक'
जोधपुर राजस्थान🙏🙏

-


Fetching रावल सिंह बेबाक Quotes