मालूम है ज़ख्मों की दवा करी जा रही है
जेहन में किसी और की हवा भरी जा रही है-
ना काहू से बैर
“मुझसे बुर... read more
जान बोला ही नहीं बनाया भी है तुम्हें
दुआ है तुम ‘चले जाओ’ तो हम भी ‘न रहें’
🫂❤️🩹🫂-
तेरा नाम ले लेकर चलती हैं ये सांसे
तुझे याद करके बंद खुलती हैं आँखें
ज़िंदगी में उजाले इक सिर्फ़ तुमसे हैं
तेरे बग़ैर अमावस होती हैं सारी रातें
मेरे दिलो दिमाग में चहलकदमी तेरी
तेरा ख़्याल तेरा ज़िक्र बस तेरी बातें
तुम हो तो हर दर्द है मीठा जिस्म का
तू नहीं तो कतरा कतरा लम्हा काटे
तेरे होने से हसीं हर मौसम है जाना
न हो तो आते जाते तकलीफ़ ही बढ़ाते
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काश ये मुमकिन हो
कि इतना दूर चला जाऊं मैं
ना किसी को याद करूं
ना ही किसी को याद आऊं मैं-
दोस्त ही नहीं इक हमसफ़र मिला है
मुसाफ़िर को जैसे कोई घर मिला है
कैसे शुक्रिया करूं मैं देने वाले का
बूंद की तलब थी समन्दर मिला है-
तू हो तो फिर जीने में हर्ज ही क्या है
गर पूछ ले हाल तो फिर मर्ज ही क्या है
तू संग है तो सह जाऊं सितम जमाने के
तेरा हाथ है हाथों में तो दर्द ही क्या है-
इक तेरे सिवा कुछ भी याद नहीं रहता
तू नहीं रहता तो साया भी साथ नहीं रहता
हाल–ए–दिल बयां करना हमें भी सिखा दे ‘ज़िंदगी’
बता क्यों मेरा होशोहवास भी मेरे हाथ नहीं रहता
तेरे सिवा कुछ भी याद नहीं रहता..-
तुम हो इक बहता दरिया
तुम्हारी ही इक धारा मैं
तुम जीती तो मैं जीता
तुम हारी तो हारा मैं-