//.. तुम मिलने आ जाओ..//
बहुत समय हुआ तुमसे मिले
दिल ने फिर तुमसे मिलने की तमन्ना की है
तुम मिलने आ जाओ..
ये दुनिया भर की झंझटे, ये मेरे काम का तनाव
सब दूर हो जायेगा
तुम मिलने आ जाओ..
अकेले गमों के साय में जीता हूं
तेरे आने से मेरी खुशियां महके
तुम मिलने आ जाओ..
ये जिंदगी गमों की दास्तां है
तेरी मौजूदगी में, मैं गमों को भूल जाऊं
तुम मिलने आ जाओ..
माना तुम किसी और की जिंदगी हो
लेकिन मेरे लिए भी तुम खास हो
तुम मिलने आ जाओ..
मैं उलझनों की बेड़ियों में गिरा हुआ शक्स हूं
तेरे होने से मैं खुद को आज़ाद पाता हूं
तुम मिलने आ जाओ..
तुम मिलने आ जाओ..।।-
बातें तो बहुत सी है जहन में
तेरे ख्याल के सिवा कुछ भी अच्छा नहीं लगता
मैं तो चाहता हूं तेरा ही दीदार करना
चांद भी मुझे तेरे जितना अच्छा नहीं लगता
सबको लगता है मैं किसी से बात नहीं करता
मुझे तेरे सिवा औरो से बात करना अच्छा नहीं लगता
लोग सुकून ढूंढते फिरते हैं यहां वहां
मुझे तेरे साथ के सिवा कुछ भी अच्छा नहीं लगता
गहरी जुल्फें- कजरारे नयन हाय तेरी अदाएं
मुझे तेरी अदाओं के सिवा कुछ अच्छा नहीं लगता
आंखें जिसे चाहे उसे हसीन बना दे
मेरी आंखों को तेरे सिवा कहीं और निहारना अच्छा नहीं लगता
तू जब बोलेगी पायल बांधने को तो झुक जाऊंगा मैं वरना मां बाप के अलावा कहीं झुकना अच्छा नहीं लगता
मैं तलबगार हूं तेरी मोहबत का
दुआ में तेरे सिवा कुछ मांगना अच्छा नहीं लगता
तेरा मेरे साथ हर पल होना है मुश्किल
लेकिन तेरे बिना एक पल भी अच्छा नहीं लगता
मैं तुझे जब सोचूं तू मेरे पास आए
अब तेरे बिना रहना मुझे अच्छा नही लगता
मैं जानता हूं मैं तुम्हारा हो नहीं सकता
लेकिन तेरे सिवा किसी और को चाहना मुझे अच्छा नहीं लगता..!!-
थक चूका हूं अकेलेपन का दर्द झेलते झेलते
अब मैं जी भर के रोना चाहता हूं ..
मैं बहुत खराब हूं, मुझसे कोई खुश नहीं
अब मैं सबसे दूर होना चाहता हूं..
मैं कौन हूं, मैं क्या हूं, मैं क्यों हूं
अब मैं खुद को भी भूल जाना चाहता हूं..
जीते जी तो कोई समय नहीं देता, सुना है मरने के बाद लोग याद बहुत करते हैं
अब मैं भी एक याद बन जाना चाहता हूं ..
ये संगदिल लोगों की दुनिया, मेरा यहां कुछ नहीं
अब मैं ये दुनिया छोड़ जाना चाहता हूं..।।-
बेजुबान_बैल _का_दर्द
ज़ैबै लागा हाऊं कोई रै छेता चौरदा..
दुर भगाणै री तेईऐ महाणु मेरे शोठै-पाथरै मारदा..,,
ओज़ मुंबै गाई देईआ महाणु बड़ा ज्ञानी बणदा..
कोई ता होला ज़े आसरी भुखा-शोखै री दाह ज़णदा..!!
महाणु ओज़ होटला बेशिआ दुधा रा गिलास पींदै..
लेकिन आसा कचरा रै डेरा न खाणा खाईआ ज़ींदै..,,
घाह पाणी री तेईंऐ आसा बुरी-बुरी बौता ज़ांदै..
महाणु हुऐ बड़े पापी लागै ओज़ आसरा मांस खांदै..!!
ओज़ हाऊं सड़का न ठोकरा खांदा,महाणु होआ सा मेरी वीडयो बणादा..
हांऊ महाणु-महाणु हेरी सोचदा,कोई ज़ेईं ता मुबै दाचदा..
ओज़ हांऊं हुआ पाखला,हर महाणु आसा न छुटकारा पाणै री सोचदा..!!
महाणु बै आसे आपणी पुरी ज़िन्दगी धीनी,ओज़ नी आसा इन्है कोई कोमा रै डाहै..
आसा बेज़ुबानै री नी कोइऐ ज़ानी,आसा इन्है खुना रै ओछुऐ रुआऐ..
महाणु न नी रौही अबै कोई उम्मीद,आसा सी अबै महादेऊऐ रै बशाहै..!!
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बेजुबान_बैल_का_दर्द
ऐकी रोज़ महाणुऐ मेरी मां,गा घौरा आणी..
नीसी सौ सुज़ी इन्है बोलू अबै कौखै ऐ बांडी पाणी..,,
बोहू फीरी तेसा गाई रै कोखा न मेरा जन्म हुआ..
मुंबै जन्म देणै रै कीच्छ वौक्ता बाद गाई रा मौर्णा हुआ..!!
कीच्छ वौक्ता बाद हांऊ बौछू न बौद बणूं..
हेरदै हेरदै मैं छेत हौणा ज़ंणू..,,
लाग्दै धूपै,कोन्है री धाईऐ हाऊं छेता हौदां..
होची ज़ेंही गलती पंदैं महाणु मेरे शोटै बांहदा..!!
छेत हौणै री वौक्त मेरी दौत इन्है छेत बाहै..
ज़बै नीवी गर्ज़ तैबै आसा इन्है ज़ोता ठराहै..,,
ज़ोता हुई बड़ी ज़ुनी,कई संगी भालू-बरागै खाए..
कई घेरै घा-पानी री ज़ूनीऐ,भूखै-शोखै छाए..!!
दुखणैं फरीहणी रहाणै ती तेईंऐ,घौरा चोखा चारा केरनै री तेईंऐ,महाणू बै आसरै गोऊंचै री आश..
लेकिन ओज़ लागी ऐंदी इन्हा आसरै मौआ न बास..,,
ज़ैबै लोड़ी फसल बढ़िया,तैबै आसरा मौ-मूच बी छेता पांदै
लेकिन ओज़ दाचणै री डौरै महाणु आसा न दूर ज़ादैं..!!
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गांव परिवार रखता था तरक्की की उम्मीद मुझसे..
ओर मैं खुद को बरवाद करने में लगा रहा..!!
उनको थी उम्मीद बेतहाशा मुझसे..
और मैं "लौ-ए-उम्मीद" को बुझाने में लगा रहा..!!
अब खुद की बुराइयों को त्याग कर मैं..
उस बुझी लौ को फिर से जलाने की कोशिश करूंगा..!!
करता रहूंगा प्रयत्न बार-बार मैं..
लेकिन राह-ए-कोशिश नहीं छोड़ूंगा..!!
ले जाये प्रयत्न कहीं भी, अंजाम हो कुछ भी मेरा..
लेकिन इस कोशिश के पथ पर मैं चलता रहूंगा..!!
होगी कई मुश्किलें,होगा कई बार मन विचलित मेरा..
लेकिन इस कोशिश के पथ पर मैं चलता रहूंगा..!!
( इस पथ पर सदा चलता रहूंगा)
Manoj_msdian
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सबके सामने वीवी का हाथ चूमू..
लेकिन ऐसा क्यों कि केले दोस्त संग न घुमू..!!
रसोई में बीवी संग खाना बनाऊं..
लेकिन ऐसा क्यों कि मैं केले दोस्त संग न खाऊं..!!
विवाह अटूट बंधन, मैं वचन निभाऊं..
लेकिन ऐसा क्यों कि मैं किसी लड़की को दोस्त न बनाऊं..!!
मैं सीता का राम बनू, राधा का श्याम बनू..
लेकिन ऐसा क्यों कि मैं द्रोपदी का घनश्याम न बनू..!!
मैं बीवी का सुहाग,बीवी की मांग भरूं..
लेकिन ऐसा क्यों कि मैं दोस्ती की गागर न भरूं..!!
मैं बीवी का सम्मान, उसका आदर करूं..
लेकिन ऐसा क्यों कि मैं दोस्ती निभाने से डरूं..!!
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काश मैं फिर से बच्चा हो जाऊं..
कोई पकड़े मुझे और मैं मां की ओर देख रो जाऊं..
कोई मुझे लेके चले दो कदम और मैं सो जाऊं...
कोई परेशान पकड़े मुझे और मैं उसके मुस्कुराने की वजह हो जाऊं..
होती मुझमें कोई शक्ति और मैं बच्चा हो जाऊं..
होके जिम्मेदारियों से मुक्त मैं किसी की जिम्मेदारी हो जाऊं..
कोई छुए मेरे गाल और मैं मुस्कुराऊं..
कोई उठाए गोद में और मैं अपना मुंह छुपाऊं..
कोई जाय जब घर से दूर, तो मैं उनके घर आने की वजह बन जाऊं ..
घर की खुशियों का खजाना बन जाऊ..
काश कि मैं दादी के दर्द की दवा हो जाऊं ..
दादा की घूमने की लाठी हो जाऊं..
अंधेरे में जलने वाला दीप हो जाऊं..
काश कि मैं मां का राज दुलारा हो जाऊं..
पिता की आंखों का तारा हो जाऊं..
सबकी नजरों का प्यारा हो जाऊं..
काश कि मैं फिर से बच्चा हो जाऊं
काश कि मैं फिर से बच्चा हो जाऊं..!!-
काश मैं फिर से बच्चा हो जाऊं..
कोई पकड़े मुझे और मैं मां की ओर देख रो जाऊं..
कोई मुझे लेके चले दो कदम और मैं सो जाऊं...
कोई परेशान पकड़े मुझे और मैं उसके मुस्कुराने की वजह हो जाऊं..
होती मुझमें कोई शक्ति और मैं बच्चा हो जाऊं..
होके जिम्मेदारियों से मुक्त मैं किसी की जिम्मेदारी हो जाऊं..
कोई छुए मेरे गाल और मैं मुस्कुराऊं..
कोई उठाए गोद में और मैं अपना मुंह छुपाऊं..
कोई जाय जब घर से दूर, तो मैं उनके घर आने की वजह बन जाऊं ..
काश की मैं फिर से बच्चा हो जाऊं..
घर की खुशियों का खजाना बन जाऊं..
काश कि मैं दादी के दर्द की दवा हो जाऊं ..
दादा की घूमने की लाठी हो जाऊं..
काश कि मैं मां का राज दुलारा हो जाऊं..
पिता की आंखों का तारा हो जाऊं..
सबकी नजरों का प्यारा हो जाऊं..
काश कि मैं फिर से बच्चा हो जाऊं
काश कि मैं फिर से बच्चा हो जाऊं...!!
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जिंदगी में बहूत कुछ बुरा हो रहा है..
समझ नी आ रहा
मैं बुरा या फिर मेरा वक्त बुरा..!!-