इतना भी मुश्किल नहीं रहा अब दुनिया में "अच्छा इंसान" केहलवाना
बस लोगो के " मतलब की बात" ही तो करनी है-
जज़्बात ए दिल कलम के हवाले करता हू
आशिकी को नहीं मै जिंदगी को बयान करता हू
इतना भी मुश्किल नहीं रहा अब दुनिया में "अच्छा इंसान" केहलवाना
बस लोगो के " मतलब की बात" ही तो करनी है-
मैं भी मामूली जिंदगी बसर कर लेता
पर क्या करू
ये दिल मानता ही नहीं की वो मामूली है-
मुझे खबर है तुम्हारे जलने की
बस मैं तब तक अनजान बनकर बैठा रहूंगा
जबतक तुम्हारे जलने की आंच मुझ तक नहीं पहुंचती-
मेहनत रुकनी नही चाहिए
तुम पर जलने वालो का जलना
तुम्हे सही साबित करना ही होगा-
उसने कहा क्या कर सकते हो मेरे लिए
और मैने उसकी स्कूटी की टंकी फूल करवा दी
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आदत है या महोब्बत पहले ही तय कर लो
मैंने अक्सर लोगो कि आदते बदलते देखा है-