राम_ जाने   (शब्द _श्रृंगार)
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जय श्री राधे !!


मेरे शब्दकोश की त्रुटियाँ
मेरी अज्ञानता की पहचान है ।।
♥️♥️♥️🙏🙏♥️♥️♥️
Joined 28 December 2020


जय श्री राधे !!


मेरे शब्दकोश की त्रुटियाँ
मेरी अज्ञानता की पहचान है ।।
♥️♥️♥️🙏🙏♥️♥️♥️
Joined 28 December 2020
24 FEB AT 14:25

इंसान आहिस्ता-आहिस्ता टूटता है
जब टूटने का दौर ज़ारी रहता है
इस दरम्यान वो खुद को समेटता है
तब फिर से टूटता है ज़र्रा ज़र्रा
इस तरह से अंत में जो बचता है
वो समूचा इंसान नहीं बचता..!!

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14 FEB AT 22:04

प्रेम में स्वयं को
भूल जाना
प्रेम है..!!

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14 FEB AT 22:00

मोहब्बत कुछ और नहीं
बस जज़्बातों का खेल हैं..??

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14 FEB AT 21:58


यें सवाल क्यों
क्या सही, क्या ग़लत
बस जज़्बातों को समेटिए
और फ़ना हो जाइए..??

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12 FEB AT 22:54


इस धरती पर..
इंसान कितना भी शातिर क्यों ना हो!

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प्रेम को
दिवस और दिनों
बाँटकर मानने वाले
प्रेमी जोड़े से
कहना चाहता हूं
वास्तविक प्रेम का
कोई दिवस या
दिन नहीं होता ..!!

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कब से मैं खुद में ही
कहीं खो सा गया हूँ ।।

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ना जाने कबसे हैं
लोग कहते फिर रहे हैं
तुम अब..
पहले जैसे नहीं रहें..!!

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31 DEC 2024 AT 22:56

मत पूछों
इन सर्द रातों में तुम नहीं हो तो
यें रातें भी लंबी लगनीं हैं
जिन्हें हम चाय की चुस्कियों में
गुजार दिया करते थे...!!

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31 DEC 2024 AT 22:52

दर्द-ए-दिल क्या बयां करूं
इन सर्द रातों में
तेरे ख्यालों की सर्द हवाएँ
मेरे दिल का दर्द बढा देता है..!!

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