इस साल न हो पुर-नम आँखे, इस साल न को खगोली हो, ટા સમ ના વિો વધને હટાવેટોરી છે. इस साल मुहब्बत की दुनिया में, दिल-दिमाग की आँखें हो, इस साल हमारे हाथों में आकाश चूमती पीखें से, ये साल अगर इतनी मुहलत दिलवा जाए तो अव है, ये साल अगर हमसे हम को मिलता जाए तो अच्छा है, वाहे दिल की बंजर घरती सागर मर आँसू पी आए, ये साल मंगर कुछ फूल नए खिलवा जाए तो अच्छा है, ये साल हमारी किस्मत में कुछ नए सितारे टॉकेगा, ये साल हमारी हिम्मत को कुछ नई नजर से ओकेगा, इस साल असर हम अम्बर से दुख की बदली को हटा सके तो मुमकिन है कि इसी साल हम सब में सूरज झाँकेगा....
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