तेरे गालों को छूकर देख कैसे इतराते हैं,
ये झुमके तेरी मुस्कान की शान बढ़ते हैं ।-
Insta- @just_a_mugloo
क्यों शाम ढले तू ख़्वाबों में
आ जाती है,
मुस्काती है..
इक धुंधली सी तू याद दिखा,
नम आंखो से बह जाती है
मैं बालक भांति व्यंग करू,
या मित्र बनकर हंसाऊ तुझे ?
मैं चांद तारों के वादे करू ?
कि फूलों से रिझाऊं तुझे ?
तू ठहर सके जो दो पल और,
मेरे दिल का हाल बताऊं तुझे ।
तू जीवन से मेरे चली गई,
ख़्वाबों से भी क्यों जाती है ?
क्यों जाती है ?-
क्यों सूर्य ताप से चंद्रमा
तू आग बबूला होता है ?
मन तेरा सच में शीतल है
या रातों में तू भी रोता है ?-
आज बड़ा खूबसरत है मगर..
अतीत में दिल मेरा अटका है,
कल पे रो रहा है मन मेरा..
आज का रिश्ता असमंजस में लटका है।-
I drink because it reminds me of her lips.
Those lips that tasted like wine,
Those lips which made her smile seem so intoxicating.
.
.
I drink because that's my way of kissing her goodbye.-
She's the Definition of spring, written in snow.
I can't read her but I know that She's as Beautiful as the Monsoon !-
Knowing that I'm under the same sky as you ,
It paints the night with a touch of wonder.-
The last song that I recommended to her before we stopped talking describes my current emotions pretty accurately.
रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ ।
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ ।-
हॅंसी में उसकी थी खुशी या कोई साज़िश ??
क्या पता ??
शायद मैंने कभी ठीक से जाना नही उसे ।
वो जताना जानती न थी या दिल में कुछ था ही नहीं उसके,
क्या पता ?
शायद मैंने कभी समझना चाहा नहीं उसे ।
मैं मेरे दिल का हाल गुनगुनाता रहा,
वो सुन न पाई..
या शायद मैंने सुनाना चाहा नहीं उसे ।
जिसे मिलकर इश्क़ की परिभाषा समझ आयी,
वो सामने थी मेरे.. या नहीं ?
शायद मैंने कभी पहचाना नहीं उसे।-