तुम्हारा दुख ,तुम्हारी असफलता तुम्हारे संघर्ष की पीड़ा सिर्फ तुम्हारी है , दूसरा तुम्हे सिर्फ सांत्वना दे सकता पर कभी समझ नही सका है ,फिर चाहे वो कितना ही करीब क्यों न हो और , ठीक ऐसा ही सफलता और खुशी में भी होता है , न तो खुशी बाटी जा सकती है न गम , फिर भी तुम दुख में सहारे ढूंढते हो , और सुख में साथी , क्योकि तुम कही गहरे में अपने दुख और खुशी दोनों का प्रदर्शन करना चाहते हो ।
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