Raajeev Nirnayak   (Raajeev G Nirnayak)
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Joined 18 September 2019


Joined 18 September 2019
10 SEP 2022 AT 20:44

प्रेम एक मात्र ऐसी चीज़ है जिसे मनुष्य के लिए पाना अत्यंत दुर्लभ है परंतु देना अत्यंत सरल ।

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13 JUL 2022 AT 7:31

मुझसे पूछो कितना मुश्किल है एक डबरे से पानी पीना उसके लिए जो हिमालय की निश्चल धारा में दिन रात नहाया हो ,जिसका रोआ रोआ भीगा हो उस अमृत धारा में , जिसने अपने अपनो के लिए मोक्ष को भी कल पर टाल दीया हो । ' राजीव निर्णायक '

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24 MAY 2022 AT 9:51

कुछ ऐसे भी सवाल तुमसे पूछे जायँगे , जिनके जवाब तुम लाख कोशिशों के बाद भी न दे सकोगे , जितने जवाब दोगे ,सवाल उतने ही बड़े होते जायंगे पर तुम टूटना मत, बिखरना मत क्योकि ये सवाल तुम्हे ज़िन्दगी ने हल करने के लिए नही बल्कि उन सवालों को इस अस्तित्व से समूल नष्ट करने के लिए दिए हैं ।

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22 MAY 2022 AT 12:47

किसी ने रंग को चाहा
किसी ने गंध को चाहा
किसी के मन को रस भा गया
फूल स्तब्ध सा
निशब्द सा दर्द हर सह गया
सवाल ह्रदय में बस इक लिए
की सबने मुझसे कितना कुछ चाहा
बस मैं ही चाहा न गया । ❤️

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22 MAY 2022 AT 8:42

कभी खुशबू कभी रस तो
कभी किसी को रंग पसंद आया ,
फूल बेकार रोज़ खिलता इसी चाह में कि
कोई चाहता है उसको बेसबब बेवजह ।

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22 MAY 2022 AT 8:31

आंधिया ज़रूर उड़ा ले जायँगी
मगरूर दरख्तों को
बचेगी उसी की सरज़मी
जिनमे लचक होगी ।

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8 MAY 2022 AT 10:53

कर शुरू नया अध्याय,
नए पथ फिर अहिरनाद होंगे
नए विकल्प नई चुनौतियां
और नए ही शंख नाद होंगे ।
जीवन युद्ध महाभारत है रे अर्जुन ,
तू केवल लक्ष्य साध ...
लक्ष्य का लक्ष्य तय करने के फैसले ,
सिर्फ गोवर्धन के हाथ होंगे । ❤️

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7 MAY 2022 AT 21:06

ठोकरे भी ज़रूरी है संभलना सीखने के लिए
अंधेरा अभी और घना होगा सूरज के चमकने के लिए ।

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7 APR 2022 AT 7:19

When people can not understand you ,they miss understand you .

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6 APR 2022 AT 7:31

तुम्हारा दुख ,तुम्हारी असफलता तुम्हारे संघर्ष की पीड़ा सिर्फ तुम्हारी है , दूसरा तुम्हे सिर्फ सांत्वना दे सकता पर कभी समझ नही सका है ,फिर चाहे वो कितना ही करीब क्यों न हो और , ठीक ऐसा ही सफलता और खुशी में भी होता है , न तो खुशी बाटी जा सकती है न गम , फिर भी तुम दुख में सहारे ढूंढते हो , और सुख में साथी , क्योकि तुम कही गहरे में अपने दुख और खुशी दोनों का प्रदर्शन करना चाहते हो ।

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