"बुंदेलखंडी कहावत"
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खेलो कूदो,थको मत,
देखो भालो,तको मत।
खाओ पियो छको मत,
बोलो चालो बको मत।।-
"गुरुपूर्णिमाया: शुभाशया:"
गुरु बिन भव निधि तरइ न कोई।
जौ बिरंचि शंकर सम होई।।-
शुभमस्तु जन्मदिवसोSयं भ्रातृजाये।
जीवेद् शरद: शतम्।🎉🎉🎉🎉🎉🎊🎊🎊🎊🎊🎊
पीलीभीतजनपदत: शुभाशया:।...✍️-
खयाल जिसका था मुझे,
खयाल में मिला मुझे।
सबाल का जवाब भी,
सवाल में मिला मुझे।।-
"वैवाहिकवर्षग्रन्थे: शुभाशया:।"
वैवाहिक वर्षगांठ की शुभकामनाएं।
We wish you a very happy marriage anniversary.
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मां की आवाज़ से बच्चे को आनन्द मिलता है,ये बात तो समझ में आती है,परंतु पटाखे फोड़कर धमाके की आवाज़ से कौन सा आनन्द मिलता है, यह बात समझ नहीं आती; हां, ये धमाकों की आवाजें आनन्दाभिव्यक्ति का साधन अवश्य हो सकतीं है,जैसा कि आज चलन है। लानत है ऐसी आनन्दाभिव्यक्ति पर, जो निकट भविष्य में ध्वनि प्रदूषण, वायु प्रदूषण से मानसिक प्रदूषण में परिणत होकर शोकाभिव्यक्ति का कारण बने।
"दूरदर्शी होना ही स्मार्ट होना है।"
दूरदर्शी बनने की कोशिश करो तथाकथित स्मार्ट बनने की नहीं।
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