जो न होगे तुम , शिकायतें होंगी
बेहिसाब इश्क़ नहीं शायद हिदायतें होंगी
होंगे अल्फ़ाज़ न होंगे लफ्ज़ कहीं
जो होगे न तुम कल , फ़कत हम नहीं
जकड़ा होगा उन यादों ने मगर
घुट चुके होंगे शायर अगर
अविरल अचल वो बातें होंगी
जो न होगे तुम , शिकायतें होंगी
लिपटे होंगे बीते समय से
मोहब्बत जैसी आदत से
धार नयन जो लाती होंगी
हाल न पूछो बस शिकायतें होंगी
कैफियत लो कभी आरज़ू हमारी
तुम हो मशगूल अपनी कहानी सारी
अब इश्क की बातें भीगाती होंगी
जो न होगे तुम , शिकायतें होंगी🫠-
लिखता नहीं हूं गैर को
ना गैरो को समझाता हूँ
अपनी तखत हो अपनी कलम
ऐसे शब्दो को बु... read more
निभाया फ़र्ज़ बेटी का
बहु बन सम्मान किया
मां बन सिखाया जीना जिसने
लहू का संचार किया
प्यार किया है बहन बन
मित्र बन साथ दिया
है नमन कोटि नारी को
जिसने जीवन का विस्तार किया-
भोले तेरी जटा में बहती गंगधारा
विष प्रभु के कंठ में , सजे नागो माला
हाथ डमरू बाबा के , त्रिशूल सजा है सुंदर
भंगिया में चूर शंभु मेरे , बैठे तुंग बाघम्बर-
ले गया अलविदा यह साल भी
कुछ खट्टी मीठी याद सी
नया साल नई उम्मीद लाए
प्रेम,प्यार,प्रतिष्ठा लाए
यश मिले सौहार्द से
कीर्ति से अभिभूत हो
नए साल में हो नई उमंग
नए कुसुम वशीभूत हो-
"कोई सहलाए पास आकर
बालों से वो प्यार करे
दिल से इकरार करे
हाथों में हाथ लेकर
गुफ्तगू में बीत जाएं रातें
तारों से सूरज उग आए
कोई ऐसे इजहार करे
कुछ ऐसे तकरार करे
वो ऐसे प्यार करे"
"हाथों में हो रूह उसकी
सांसे मेरी हों धड़कन उसकी
कोई ऐसे पास आए
जो फिजाओं में घुल जाए
हर सांस में खुशबू उसकी हो
कोई ऐसे अपना बनाए
पहाड़ सफर हो संग पहाड़न
कोई ऐसे रास्ता बताए
कोई ऐसे राग जगाए "-
सजती न महफ़िल मथुरा में गर सुदामा आए न होते
होती न दोस्ती रे कान्हा जो चावल कच्चे खाए न होते-
जो लिखूं गुरु जिक्र तेरा मां होता है
हर मरहम प्यार तेरा बस होता है
तेरा होने से रची जैसे श्रृष्टि हो
हर ममता में छुपी तेरी दृष्टि हो
मां तू है तो महफूज़ ज़माना रहता है
हर पल सहारा मुझको तेरा होता है
तेरी आंचल की छांव मां मिलती रहे
हर उम्र में ममता तेरी छलकती रहे
शब्दो का सामर्थ नही मां तेरा दुलार बयां करें
तू अंबर है मां प्यार का तेरा प्यार अमर रहे-
यूं तो तेरी हर खामोशी से भी खुश रह जाता हूं
गुजारिश है कुछ तुम भी बोला करो
गिले - सिकवे हों तो बताना तुम भी
ये खामोशी अक्सर दूरियां बन जाती हैं
जो मिलना होगा तो मिलेंगे जरूर
तुम चाहे तिलिस्म की रानी बन जाना
तसव्वुर में हर वक्त हो तुम
तुम चाहो अंगणत कई कहानी बन जाना
कहते हैं दिल से चाहो तो हर मुराद पूरी होती है
अब परीक्षा मेरे इश्क की भी हैं
तुमने चाहा तो उत्तीर्ण करूंगा सिद्दत से
तुम चाहो तो मुद्दतों तक याद बन जाऊ मैं
यादें ज्यादा नहीं है हमारी
फासले हैं ,चांद तारों जैसी जिंदगानी है
तुम कहो तो मिशाल बन जाए ज़माने के लिए
जैसे सूरज और चंदा की कहानी हैं
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आज फिर याद आए तुम
स्कूटर चलाना तुम्हारा और पीछे मै
शहर से पहाड़ का वो छोटा सा सफर
वो दिन तुम और तुम्हारा साथ
आज फिर याद आए तुम
जैसे भीगी बरसात में वो रेत हो
वो खुशबू जैसे सब कुछ उड़ा ले गई
ठीक वैसे आज फिर याद आए तुम
यूं तो साल बीत गए उस बात को
पर तुम्हारी बातें जैसे कल ही की हों
हर सांस में जैसी बसी तुम हो
आज फिर याद आए तुम
बेशुमार याद आए तुम-
मीठी गुजिया सी आपकी जिंदगानी हो
रंग बिरंगे गुलाल सी कहानी हो
खिल उठे जीवन खुशियों की पिचकारी से
मंजूर हर- दिल-अजीज की जुबानी हो
रंगो के त्योहार की अनेकों शुभकामनाएं🙏-