पर्व शिवरात्रि का,
औऱ लगन हमारी,
चढ़ जाय !
❣️
मेरे सोलह वर्ष के,
उपवास शिवरात्रि के !
❣️
सोलह वर्ष के सावन,
उपवास सार्थक हो जाय !
❣️
ठाकुर साहब आप शिव से,
औऱ मैं शिवांगनी आपकी,
हो जाऊं !-
प्रेम प्रकट,
पत्र में होना !
❣️
औऱ प्रतीक्षा,
में सब्र होना !
❣️
प्रेम की एक,
विशेष कड़ी है !!-
पहले ख़ुद,
गुस्सा करेंगे !
फिर बच्चों से,
बन जाएंगे !
ये मेरे,
ठाकुर साहब,
भी न,
कारनामे !
गजब गजब,
के ढाएंगे !!-
बनारस से,
केदारनाथ तक,
साथ ठाकुर साहब,
के आऊँगी !
पहले मेरे,
सोलह सोमवार,
औऱ सोलह साल के,
शिवरात्रि उपवास !
तो पूर्ण करके,
मुझे फल में,
साथ तो उनका,
दे दो भोले !!-
एक ही दिन में पुराना सब,
ख़ुद से छूटने का दर्द !
😕
औऱ नया बहुत,
कुछ प्राप्त करने की खुशी !
😊
एक स्त्री को ही,
उसके जीवन मे प्राप्त होते है !!-
मैं कवियत्री हूँ,
मुझे समझना,
इतना भी,
आसान नहीं !
❣️
मेरे अर्थ ही,
अनेक है,
तुम्हारा उलझना,
ठीक नहीं !!-
जब प्रेम में दूरियां हो,
तो दर्पण की आवश्कता होती है !
❣️
वरना पिया की आँखों में,
स्वयं की छवि देख इठलाना !
❣️
प्रेम के अनेक स्वरूपों में से,
यह एक महत्वपूर्ण स्वरूप है !!-
हिज़ाब विवाद में लिखा,
तो योर कोट बाबा ने ब्लॉक कर दिया !
पहले सोचा नहीं लिखूंगी अब कुछ,
पर अंदर की कवियत्री मर ही नहीं रही थी !!-