यदि महिला pregnent है, और वह कोई job (govt/private) में है तो उसे आखरी के महीनों (6/7/8/9) में और delivery के बाद कुछ महीनों की leave दी जाती है, उसकी सहूलियत के लिए या आराम के लिए या कोई परेशानी न हो इसलिए।
तो क्या उसका husband, जो कोई job (govt/private) में है, उसे leave नहीं देनी चाहिए ताकि वो उस समय अपनी wife (जो job में हो या houswife हो) का बेहतर ख्याल रख सके, उसका साथ दे सके, उसके पास रह सके, अपने होने वाले बच्चे/बच्चों से बेहतर जुड़ सके।
आखिर एक जीवनसाथी होने के नाते क्या ये बेहतर नहीं है उसके और उसकी wife दोनों के लिए ही।
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एक राही हूँ ज़नाब... read more
ज़िन्दगी में मुस्कुराहटों को,
थोड़ी... जगह देते चलते हैं
यादों के बक्सों में चलो,
थोड़ी... खुशियाँ भरते चलते हैं-
शायद खुद से रूबरु, उसे...
किसी ने कराया नहीं
उस चाँद से चेहरे को, चाँद...
किसी ने दिखाया नहीं
और खामोश होकर जो आँखों से, वो हर...
बात कह देती है
समझते हैं हम वो हर बात, उसे शायद...
किसी ने बताया नहीं-
आँखों से ये मौसम - ए - बरसात न गुजरे
बिन उसके अब, ये दिन... ये रात न गुजरे
ये कहते थे उससे कभी मुझे फ़र्क़ पड़ता नहीं
अब दुआ है के किसी पर, ऐसे हालात न गुज़रे
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मैं आज भी तुमको, ही ज्यादा लिखता हूँ
ये इश्क़ अपना तुम्हारा, आधा लिखता हूँ
के माना उम्मीद नहीं..है मिलने की लेकिन
इंतज़ार करता रहूँगा, ये वादा लिखता हूँ
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उसकी बेवफ़ाई पर हमने, सवाल नहीं किया
उसकी बेवफ़ाई का हमने, मलाल नहीं किया
बस इतना सा फ़र्क़ आया, ज़िन्दगी में मेरे . . .
फिर दोबारा इश्क़ का हमने, ख़्याल नहीं किया-
संग एक दूजे के बैठ, हमने कभी शाम नहीं की
किसी बरसात कोई मुलाक़ात, अपने नाम नहीं की
आँखों से आँखों तलक रहा ये सफ़र इश्क़ का
की खुलकर बातें भी तो हमने, कभी सरेआम नहीं की-
मुझे तो थोड़ी अजनबी सी लगे है
अब ये रातें थोड़ी लंबी सी लगे है
है वहम उसे है वो मेरी आदतों में आज भी
मुझे मेरी आदतें बदली- बदली सी लगे है
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बे-वजह कहीं ये दिल लगाना मत
तुम इन लोगों की बातों में आना मत
के मतलबी है कम्बख़्त ये दुनिया बड़ी ही
रोओ बे-शक ! पर आँसू दिखाना मत-