मत कर रे बन्देसमय ना तो कोई पकड़ पाया हैना ही कोई इसपर विजय प्राप्त किया हैरोज हर कोई इससे पहले अपना कार्य करने के लिएउठता है और शाम होते होते थक कर उसी समय से पहलेविश्राम करने के लिए आया है -
मत कर रे बन्देसमय ना तो कोई पकड़ पाया हैना ही कोई इसपर विजय प्राप्त किया हैरोज हर कोई इससे पहले अपना कार्य करने के लिएउठता है और शाम होते होते थक कर उसी समय से पहलेविश्राम करने के लिए आया है
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कि अकड़ में भी सिकुड़न हो जाएफिर चाहे जितना सहला लो 😝हाँ यही तो है जब खुद का औजार खुद को हीखड़े 🍆 पे धोखा देता है😂 🤣 🤭🤪 -
कि अकड़ में भी सिकुड़न हो जाएफिर चाहे जितना सहला लो 😝हाँ यही तो है जब खुद का औजार खुद को हीखड़े 🍆 पे धोखा देता है😂 🤣 🤭🤪
अरदास है! कि सिर्फ ये रात ही नहींब्लकि पूरी जिंदगीसुहानी होसुन्दर और मन को शांत करने वाली होइच्छा की पूर्ति हो या ना होपरंतु उससे बेहतर हो -
अरदास है! कि सिर्फ ये रात ही नहींब्लकि पूरी जिंदगीसुहानी होसुन्दर और मन को शांत करने वाली होइच्छा की पूर्ति हो या ना होपरंतु उससे बेहतर हो
The grandest myth, a tale untold, Crafted by hands of our own mold, Controlled, shaped, by inner force -
The grandest myth, a tale untold, Crafted by hands of our own mold, Controlled, shaped, by inner force
As long i stay up mine 🍆 -
As long i stay up mine 🍆
इतिहास का महत्व मोहब्बत सही मायनों में सिखाती है, जेसे आज हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी केइतिहास के पन्नों मेंकैद हो गए हैं -
इतिहास का महत्व मोहब्बत सही मायनों में सिखाती है, जेसे आज हम दोनों अपनी अपनी जिंदगी केइतिहास के पन्नों मेंकैद हो गए हैं
भूल गए हमकि वक़्त का पहिया इतना तेज़ चल दियाऔर हम अलग अलग कोनों में रह गए -
भूल गए हमकि वक़्त का पहिया इतना तेज़ चल दियाऔर हम अलग अलग कोनों में रह गए
अकेलेपन का शोर ज़ोरों पे हैऔर मै तन्हाई का शिकारमन छटपटाने मे उलझा हुआदिल दिलासा की उम्मीद पर टिकाक्यूंकि ये शोर जोरों पे है -
अकेलेपन का शोर ज़ोरों पे हैऔर मै तन्हाई का शिकारमन छटपटाने मे उलझा हुआदिल दिलासा की उम्मीद पर टिकाक्यूंकि ये शोर जोरों पे है
मुझे अपना बता रहे हैंवो क्या पहचाने फिरजब हम पहले ही किसी और के हो रखे हैं -
मुझे अपना बता रहे हैंवो क्या पहचाने फिरजब हम पहले ही किसी और के हो रखे हैं
तुम्हारी आंखें आज भी वो छाप मेरे ज़ेह्न मे छोड़ गयी हैजिसका मुकाबला आज भी किसी को काबिल तो क्या अनुमती भी नहीं देता -
तुम्हारी आंखें आज भी वो छाप मेरे ज़ेह्न मे छोड़ गयी हैजिसका मुकाबला आज भी किसी को काबिल तो क्या अनुमती भी नहीं देता