R Vedansh   (© rvedansh)
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Joined 25 April 2024


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Joined 25 April 2024
20 FEB AT 9:35

सकारात्मक सोच का साथ

सकारात्मक सोच मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देता है, और सामाजिक संबंधों को मजबूत करता है। यह तनाव और चिंता को कम , आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को बढ़ाता है। इसलिए सदैव सकारात्मकता को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करते रहना चाहिए।

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18 OCT 2024 AT 7:34

रिश्तों की गहराई और सामाजिक
जुड़ाव जीवन को अर्थ और खुशी
प्रदान करता हैं।

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16 OCT 2024 AT 7:28

आपको क्या लगता है सिर्फ दुःख आपके पास है। नहीं ऐसा नहीं....! सभी को किसी न किसी बात का दुःख है। सामने वाला अपना दुख व्यक्त नहीं करता अथवा हम उसके दुःख के अंदर झांक नहीं सकते इसलिए हमें अपना दुख अत्यधिक लगता है।

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15 OCT 2024 AT 8:09

आने वाला कल को,
हम कल के उपर छोड़ कर
कल को उत्तम नहीं बना सकते,
परंतु आज प्रयास करें तो आनेवाला
कल उत्तम जरूर हो सकता है।

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13 OCT 2024 AT 7:56

अचानक आए हुए परिस्थितियों का
जिम्मेवार व्यक्ति स्वयं होता है।

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12 OCT 2024 AT 7:57

किसको अपना कहें,
जिसे हम अपना कहें
वह निकलता पराया है।

जो कभी खास था
वह आज हास्य बनकर रह गया है
जिस सपने से कभी दिल धड़कता था
वही सपना आज दर्द दे जाता है।

हर सांस कभी आस बनाकर चलता था,
आज ख्याल से ही दिल में दर्द होता है,
किसको अपना कहें,
अपना हीं दर्द देकर निश्चित सोता है।

जिसको भी अपना कहो,
वह स्वार्थ की सीढ़ी पर सवार होकर आता है,
मानो हमारा ही सवारी करने आया हो,
जिसको अपना कहो वह निकलता पराया है।

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10 OCT 2024 AT 9:57

विश्वास एक शक्तिशाली प्रेरक है जो हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। जब हम अपने और अपनी क्षमताओं पर विश्वास करते हैं, तो हम चुनौतियों का सामना करने में अधिक सक्षम होते हैं और सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है। भविष्य का निर्माण सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से होता है।

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9 OCT 2024 AT 9:03

समय से बड़ा कुछ भी नहीं, एक समय हीं है जो भूत, भविष्य और वर्तमान सबका और सब कुछ जानता है।

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4 OCT 2024 AT 11:46

जीवन में हर अनुभव, चाहे वह
अच्छा हो या बुरा, समय हमें कुछ
सब कुछ सिखा देता है।

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11 JUL 2024 AT 6:56

अपने अंदर स्थित दुषित शब्द,अपनें
स्वयं के शब्दशैली को हीं गंदा करता है।

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