खुशबू की शौक़ीन हूँ मैं,
मगर मेरे इत्रवाले कपड़ों से ज्यादा मेरा किरदार महकता है..!-
ख़ुशी हो या गम आंसू हमेशा साथ निभाते हैं ,
कमबख्त यह मुस्कराहट तो हालात की मोहताज होती हैं!-
खुदा ही जाने की तू आदत था, बिमारी या फिर जुनून,
पर जो तुझसे था वो फिर किसी और से क्यों नहीं होता...!-
गुमान इतना सा खुद पर हैं कि अपनी एक मुस्कान पर कहर मचा लें,
और हर बार ये आशिक मेरी खुबसुरती पर मर मिटाते हैं,
अरे दिवानो इस दिखावे की दुनिया में मुझसे कई हसीन चेहरे मिल जायेंगे,
अरे एक बार सबर कर मेरी रूह तक तो झाँक लेते,
तो पता चले में दिल सबसे ख़ूबसूरत रखती हूँ..!-
वक़्त और प्यार के सिवा कभी अपने महबूब से कुछ माँगा ही नहीं,
मगर कम्बख्त जिंदगी में आने वाला हर शख्स कंगाल ही निकला...!-
जाने क्या मर्ज़ी हैं इन आँखों की,
तुझे क्यों देखा करती हैं,
इस समाज के रिवाज़ों से परे अपनी हया गवां बैठी हैं,
यूँ ही बदनाम नहीं हुआ यह इश्क़,
इस इश्क़ ने कई शरीफों को बेशरम बनाया हैं..!!-
कोई आया और हमसे हम ही को चुरा ले गया,
अब दोष उन्हें क्या देना जिनकी फ़िदरत में ही चोरी थी, कसूरवार तो हम ही थे जिन्होंने एक चोर पर ऐतबार किया...!-
जिंदगी बस इन दो ख्यालों की कश्मकश में ही उलझ कर रह गई है,
काश उन्हें एक आखिरी बार फिर से देख पाऊं और काश उनसे अब कभी फिर सामना ना हो...!-
दुनिया को तो मैंने अपनी मुक्कमल मोहब्बत के किस्से बताए हैं जो मेरी किताब का हिस्सा हैं,
याद तो बस हमें अधूरी मोहब्बत के वो दिलचस्प किस्से आते हैं जो मेरी किताब का हिस्सा न बन सके...!-
बहुत हिम्मत जुटाती हूँ बस एक मुस्कराहट के लिए, नजाने कितने आँसुओं का सैलाब रोक कर बैठी हूँ!
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