में झूठी दलीलों , झूठे वादों से डरता हूँ ,
दिल में खोट , झूठे इरादों से डरता हूँ ।
लोग झूठा वादा कर ,साथ निभाने की बात करते है,
में , किए वादों के टूट जाने से डरता हूँ ।।
खूबसूरत चेहरे में , छिपे रूप कितने है ,
हर रूप चेहरे में , उभर आने से डरता हूँ ।
लोंगो के दिखावे , हक़ीक़त से परे है ,
हक़ीक़त से आँख मिलाने से डरता हूँ ।।
दिन का रंगीन ख़्वाब , बेरंग सा लगता ,
आँख खुलते , ख़्वाब टूट जाने से डर लगता है।
कलियों से टूटा जो फूल गुलाब का ,
अक़्सर मुरझा कर , टूट जाने से डर लगता है।।
दिखावे की मुस्कुराहट , सब गम छुपाए बैठे है ,
गम आंखो से , सब बहाए बैठे है ।
कोई पूछ ना ले , हाल आँखों से बहते ग़मो का ,
हर कोई दिल में , जख्म लगाएं बैठे है ।।
प्यास लगी , हाथों में बोतल थी शराब की ,
पीता कैसे , जो याद दिलाती थी आप की ।
पीता तब भी मरता , ना पीता तब भी मरता ,
पी कर मरा , बस यादें थी साथ आपकी ।।
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