तूफ़ान में फंसे कश्ति को लहरों का सहारा मिला है
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लिखना अभी कहाँ सीखा हूँ ...!!
बहुँत दूर है अ से ज्ञ तक का सफर
अभी तो अ ... read more
जब क्षतविक्षत देह तिरंगे में लिपटा घर आया होकर लहू लुहान
मातम बनी शहनाई की शोर मच गई चीख पुकार,,,,
एक ओर बहन की डोली एक ओर भाई की अर्थी ये कैसी विडंबना है भगवान
बूढ़े मां-बाप का एक सहारा बनके आकाश का सितारा हो गया सरहद पर कुर्बान,,,!!-
सुख-समृद्धि धन-धान्य से सदा भरा रहे भंडार
नित खिले फुल खुशियों के महके घर संसार
मां की ममता पिता का प्यार मिले सबका दुलार
अवतरित हुई है मां लक्ष्मी स्वयं लेकर बेटी अवतार-
तन्हाई में कोई तो हो दिल के पास
यही चाहते हैं सभी
है कोई यहां
या नींद की आगोश में सो गए सभी ...-
धवल चांदनी से नहाई ये रात शबनमी
ले रही है अंगड़ाई ये चंचल हवाएं
मस्ती में झूमती लहरों को देखिए
आई है रुत मिलन की धरती से गगन की
बैठी है प्रियतमा लेकर प्रीतम को जुल्फों की छाँव में
प्यार से प्रीतम के माथे को चूमते देखिए ...-
पाकर इश्क की तपिश , चिंगारी आग बन गई है ,
अधूरी ख्वाहिशों की चादर में लिपटे दो जिस्म मोम सी पिघल रही है..-
किए थे इशारे हमने बहुत ,
आप ही समझे नहीं
बदनाम किया हमें आपकी नासमझी ने
हमने किसी से कुछ कहा ही नहीं ...!!-