उदासियाँ घर कर रही हैं वजहों का कुछ पता नहीं
हाँ जब तुम थे तो ऐसी बात तो न थी-
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@bombay_dream_creation
ऐसा नहीं तेरे जाने के बाद किसी को गले से न लगाया
मगर वो मेरे दिल का धड़कना न हुआ इस बार-
दिल ही तो है न संग-ओ-ख़ीश्त दर्द से भर न आये क्यूँ
रोयेंगे हम हज़ार बार कोई हमें सताये क्यूँ
दैर नहीं हरम नहीं दर नहीं आस्ताँ नहीं
बैठे हैं रहगुज़र पे हम गैर हमें उठाये क्यूँ
क़ैद-ए-हयात-ओ-बन्द-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं
मौत से पहले आदमी ग़म से नजात पाये क्यूँ
'ग़ालिब"-ए-ख़स्ता के बग़ैर कौन से काम बन्द हैं
रोइये ज़ार-ज़ार क्या कीजिये हाय-हाय क्यूँ-
इश्क़ का नग़्मा जुनूं के साज़ पर गाते हैं हम🌠
अपने ग़म की आंच से पत्थर को पिघलाते हैं हम 🥀-
उल्फत-ए-यार में खुदा से और माँगू क्या,🥀
ये दुआ है कि तू दुआओं का मोहताज न हो😊-
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा 🥀-
कहानी में अपनी हां थोड़ा झूठ लिखूंगी
मैं अपनी मोहब्बत को बेवफा नहीं लिखूंगी-
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मुहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह-
धड़कने✨ आज भी बढ़📈 जाती हैं उस लम्हे को याद कर जब मैंने तुझे पहली दफा गले 🤗 से लगाया था! लम्हा वो बहुत खूबसूरत ❤️था! वक़्त 🕗थम सा आज भी जाता है उस बार की तरह जब धड़कनो का शोर हम 👩❤️👨दोनों ने सुना था! देखो न 😔आज सिर्फ ये यादें🥀 ही हैं मेरे पास 🍁
तुम नहीं 😭😭-