जाके पाँव फटे न बिवाई
वो क्या जाने पीर पराई
माँ की ममता और उसकी पीड़ा पुरुष समाज नहीं समझ सकता है माँ बने बिना इसका अनुभव संभव नहीं है
- Quseem Faruqui
13 MAY 2019 AT 6:01
जाके पाँव फटे न बिवाई
वो क्या जाने पीर पराई
माँ की ममता और उसकी पीड़ा पुरुष समाज नहीं समझ सकता है माँ बने बिना इसका अनुभव संभव नहीं है
- Quseem Faruqui