ओ मां री...
मैं जानू सू तेरा मन न ....
ओ मां री...
मै जानू सू तेरा जीवन न....
जोड़ जोड़ कर पाई पाई ,तैंने पैसे की कीमत सिखाई ...
बनवा ना पाई अपने खातिर कुछ,बहू बेटी कि तैंने टूम गढ़ाई....
ओ मां री...
मैं जानू सू तेरा मन न ....
ओ मां री...
मै जानू सू तेरा जीवन न....
जब त माँ तैंने मेहंदी लगाई,सासरे की तैंने प्रीत निभाई...
गुड़ के जैसी घुल क दूध में,महारे जी में तू है समाई ....
ओ मां री...
मैं जानू सू तेरा मन न ....
ओ मां री...
मै जानू सू तेरा जीवन न....
सदा रही तू एक बात प,सत्य वचन और सादगी साद क...
महारे खातर तूने लड़ी लड़ाई,सदा निभान की रीत सिखाई ....
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