जान से प्यारा है वो मेरी, मेरी ज़िंदगी का सितारा है। एक खूबसूरत सा अहसास है, मानो सारा जहान मेरे पास है। महोब्बत से परे है रिश्ता हमारा, वो दोस्त है मेरी जिंदगी से प्यारा।
गुमसुम सी जिंदगी, गुमनाम है हम, ऊपर से तो मस्त है सब, अंदर से लहू लुहान हैं हम। कहने को तो मुस्कुराहट है सदा होठो पर, पर आँखे भी अब सवाल करती हैं, झूठी खुशी और हर पल की उदासी पर बवाल करती है।
आँखों से चहेरा हटा नहीं है तुम्हारा, ना आदते है बदली मेरी, तुम्हारे साथ रहने के , कायदे ने अदा किया है, मेरे दूर जाने का ये सिलसिला। सोचा था की चाहकर भी दूर ना जाऊंगी, चाहे कर लो तुम लाख गलतियां, रोकर आँखे नम कर लूंगी, पर तुमसे ना करूँगी कोई गिला। आती थी नज़र बस मेरी कमी, पर आप थे अपनी गलतियो से अजनवी, डाँट कर बस कहते ये थे, यार तुम समझती नहीं! यार तुम समझती नही!
लोगो का तो पता नही जनाब, मै खुद से ही हारी हूँ। जिम्मेदारी बहुत है सर पर, इसलिए समय नही है, पर यकीन करो मेरी जान! मेरे खुद के पलो मे, मै सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हूँ।
घर को चारो तरफ़ से ढककर, उजाले की आस रखते हो। मतलबी दुनिया मे, सराफत की बात करते हो। ओ जी छोड़ो क्या कमाल करते हो! यहाँ लाश पर रोने को नही आता है कोई, तुम जिंदगी भर साथ निभाने की बात करते हो।