मुझे यकीन है तेरी मोहब्बत पर
मुझे किसी फूल की जरूरत नहीं
तुझ से हंसी कोई नहीं जहां में
तेरे सामने फूलों की कोई अहमियत नहीं
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गुमनाम रास्तों से अंजान था मैं
जिंदगी का सफर तय करते...नहीं आया
भटककर फिर से रुक गया वहीं पर
जहां अपनों ने हमें अकेला छोड़ दिया-
मुझे लगता है मोहब्बत हुई है
पहली बार ही सही 😍😍
आखरी बार भी तो उसी से हुई है। ♥️♥️♥️-
समुन्दर की गहराई को जानने चले थे
हम उनके दिल को परखने चले थे
उस छोर इस तरह फिर आया तूफान
टूटे दिल को फिर समेटने चले थे
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ख्वाहिशें अक्सर बंद दरवाजे में रह जाती है
मुश्किलें जब हमें कोई रास्ता ढूंढने नहीं देती-
हम जितना जानते हैं उनको
उतना समझते भी है
इसीलिए तो कहते हैं
अपने-अपने होते हैं-
तेरी हर गलती को नजरअंदाज करूं
वह आंखें कहां से लाऊं......
तुझे अपना बना कर भूल जाऊं
ऐसा दिल कहां से लाऊं....
जिंदगी का सफर तो जारी है अभी
तुम्हारी यादों को भूलने की,
कोशिश कहां से लाऊं......
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थोड़ा बदला बदला सा वह हैं
थोड़ी बदली बदली सी हूं मैं
थोड़ा हिचकीचाता वह है
थोड़ी हिचकीचाती हूं मैं
थोड़ा घबराता वह है
थोड़ी घबराती हूं मैं
थोड़ा संभलता वह है
थोड़ी संभल जाती हूं मैं
थोड़ा निहारता वह है
थोड़ी निहारती हूं मैं
थोड़ा चाहता हमें वह है
बेइंतहा चाहती हूं उसे मैं-
थोड़ा बदला बदला सा वह हैं
थोड़ी बदली बदली सी हूं मैं
थोड़ा हिचकीचाता वह है
थोड़ी हिचकीचाती हूं मैं
थोड़ा घबराता वह है
थोड़ी घबराती हूं मैं
थोड़ा संभलता वह है
थोड़ी संभल जाती हूं मैं
थोड़ा निहारता वह है
थोड़ी निहारती हूं मैं
थोड़ा चाहता हमें वह है
बेइंतहा चाहती हूं उसे मैं-
तेरे आने की खुशी
तेरे जाने की याद दिलाकर
मेरी खुशी को नाखुश कर देती है-