पूर्वा छुट्टी होने की वजह से आज बाजार गई थी। उसने देखा, फुटपाथ पर बैठी इक महिला बहुत ही अच्छी हैंड बैग्स बेच रहीं है। पूर्वा उसके पास गई और दाम पूछने लगी, हाथ से बनाई होने की वजह से वह काफी मंहगी थी।
तभी पूर्वा का ध्यान वहां पर एक छोटा सा बच्चा झूले में झूल रहा था उसपर गई। उसने पूछा कौन है, उस औरत ने चहकते बताया, यह मेरा बेटा है और आज इसका जन्मदिन है।
पूर्वा ने मन ही सोचा आज कल लोग बर्थडे कितने धूमधाम से मनाते है, यह कहा मनाएगी, और बच्चे के हाथ एक नोट थमा दी। उस औरत ने लेने से इंकार किया, तब पूर्वा ने कहा मेरी तरफ से जन्मदिन हेतु यह भेट बच्चे के लिए है।
और आगे चल पड़ी, तभी वह औरत पीछे से एक सुंदर सी बैग लेकर उसके पास आई और कहने लगी, दीदी यह बच्चे की तरफ से आपके लिए ... पूर्वा तो बस देखती ही रह गई... उस औरत की ख्वाहिशें इतनी भी बड़ी नहीं थी जो उसका स्वाभिमान आसानी से उठा न सकें...
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