कल (4 मार्च) भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया से CT25 सेमीफाइनल जीती और स्टीव स्मिथ ने अपने ODI क्रिकेट से संन्याश की घोषणा भी कर दी ।
जो कि काफी अच्छा खिलाड़ी है और मुझे पसंद भी रहा है ऐसे काफी खिलाड़ी है जिनके क्रिकेट से दूर होने पर मुझे दुःख होता रहा है जैसे: एबी डिविलियर्स, एम एस धोनी, सुरेश रैना, क्रिस गेल, युवराज सिंह और सूची लंबी है । तो पसंदीदा खिलाड़ी के संन्यास को लेके जो मन में विचार उत्पन्न हुआ मैं आपसे पिछली स्लाइड में साझा कर चुका हूं ।
धन्यवाद । ♥️
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तो ऐसे ही आज हमारे पिताजी ओर दादाजी में वो उत्साह जोश नहीं है क्रिकेट को लेके जितना हम मैं है क्योंकि उनके दौर के खिलाड़ी भी जा चुके हैं और हमारे दौर के खिलाड़ी भी चले जाएंगे जिनकी वजह से हम क्रिकेट से जुड़े थे और फिर हम भी रोजमर्रा की जिंदगी में व्यस्त हो जाएंगे और भारत जीते या हारे फर्क तो पड़ेगा पर शायद उतना नहीं जितना अभी पड़ता है और जितना मुझे 2019 की सेमीफाइनल ओर 2023 के फाइनल की हार का पड़ा था ।
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मुझे अब समझ आता है कि हमारे पिताजी और दादा जी में उतना जोश और उत्साह क्रिकेट को लेकर अब नहीं होता जितना उन्हें पहले हुआ करता था क्योंकि आज में भी ये समझ सकता कि जिस उम्र से मैने क्रिकेट को पसंद किया था जिन खिलाड़ियों को देखा था एक जुड़ाव था सब खिलाड़ियों से उनके लिए क्रिकेट देखना घंटों टेस्ट हो या वनडे सुबह से टेलीविजन पर बस आंख टिकाए बैठ जाते थे, मेरे लिए उन खिलाड़ी की सफलता ही खुशी ओर क्रिकेट प्रेम बन गया था अब धीमे धीमे वो सब खिलाड़ी क्रिकेट छोड़ते जा रहे हैं जिनके लिए मैं घंटों तब देखा करता था सब छोड़ कर कुछ विदेशी खिलाड़ी हैं कुछ भारतीय भी एक अच्छा खिलाड़ी मुझे हमेशा प्रिय रहा है ...
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कहीं ज़िद पूरी,
कहीं जरूरत भी अधूरी,
कहीं सुगंध भी नहीं,
कहीं पूरा जीवन कस्तूरी...
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भाई पूछता है पूजा क्यों नहीं की,
तो सर झुका कर उसको समझना
पड़ता है...
चाहे दर्द मैं रोती रहूँ पर पापा को
देख मुस्कुराना पड़ता है...
पेट के निचले हिस्से को जैसे
कोई निचोड़ देता है...
कमर और जाँघ की हड्डिया जैसे
कोई तोड़ देता है...
खून की रिसती बूँद के साथ
तड़पती हूँ मैं...
और पीरियड्स के वक्त सोफे पर निढाल
हो कर सिसकती हूँ मैं...-
"मन तो करता है और बात करने का पर अक्सर काम पड़ जाते है अल्फाज 😢
वो तो सो भी जाती है बाय बोलकर पर हमें सताते रहते हैं उनके एहसास.....💕"
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उजालों में मिल ही जाएगा
कोई ना कोई,
तलाश उसकी करना जो
अंधेरों में भी साथ दे.
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हां, हूँ मैं जरासा लापरवाह।
क्यूं की जब भी मैं कुछ करता हु तो बेपनाह और बेहिसाब करता हु।
फिर वो इश्क़ हो, नफरत हो या किसीकी फिक्र।-
Prepration for success,
Is more important than the actual success.
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नये साल में कुछ नया हो,
ये कैलेंडर पर नहीं,
हम पर निर्भर करता है ।
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