15 MAR 2018 AT 14:14

तेरी तस्वीर जब भी मेरे नज़रों के सामने आ जाती है,
बेचैनी की लहर आँखों से दिल तक दौड़ जाती है,
माना गीले-रुस्वो के सिलसिले हैं,
पर जाने क्यों तेरी एक झलक दिल में घर कर जाती हैं||

-पुष्पांश उपाध्याय

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